-एनआईसीडी ने सेंपल लेने से खड़े किए हाथ, दो दिन बाद लिए जा सकेंगे सेंपल
-समय रहते निगम अधिकारियों ने नहीं किए सेंपल भेजने के वैकल्पिक इंतजाम
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
निगम अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही का खामियाज नगर निगम को उठाना पड़ रहा है। अब एक बड़ी लापरवाही का मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम से सामने आया है। एक ओर दिल्ली में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। दूसरी ओर इस निगम के सबसे बड़े हिंदूराव अस्पताल में बुधवार से कोविड-19 के टेस्ट के लिए सेंपल लेना ही बंद कर दिया गया है। बुधवार को यहां कोरोना का एक भी सेंपल नहीं लिया गया। इसके बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की कमान संभालने वाले अधिकारियों की नीयत पर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है।
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सूत्रों के मुताबिक नगर निगम के साथ नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीजिज (एनआईसीडी) का समझौता है। इसके तहत रोजाना कोरोना के 50 सेंपल तक भेजे जा सकते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में हिंदूराव अस्पताल में रोजाना कोरोना के करीब 70 से 80 सेंपल लेकर एनआईसीडी को भेजे जा रहे थे।
इसके चलते एनआईसीडी में बैकलॉग काफी बढ़ गया था। इसके चलते कोरोना टैस्ट की रिपोर्ट चार से पांच दिन में आने लगी थी। पिछले सप्ताह में कोरोना के और ज्यादा मामले आने की वजह से हिंदूराव अस्पताल में भी टैस्ट लेने का दबाव बढ़ गया था। इसके चलते एनआईसीडी ने पिछली टैस्ट रिपोर्ट जारी करने से पहले और सेंपल लेने से मना कर दिया है।
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निगम अस्पताल प्रशासन के एक आला अधिकारी के मुताबिक हिंदूराव अस्पताल ने बुधवार से कोरोना टैस्ट के लिए सेंपल लेना बंद कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले तीन-चार दिन यही स्थित बनी रहेगी। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग बिना सेंपल दिए हिंदूराव अस्पताल से निराश लौट रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि निगम के आला अधिकारी यदि समय रहते परिस्थितियों पर गौर करते और कोई वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान देते तो लोगों को परेशान नहीं होना पड़ता।
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लापरवाही पर अधिकारियों की चुप्पी
हिंदूराव अस्पताल में कोविड-19 टैस्ट बंद किए जाने के मुद्दे पर निगम के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। अतिरिक्त आयुक्त संदीप जैक्स, निदेशक अस्पताल प्रशासन और निदेशक पी एंड आई से मैजेस के जरिए जानकारी मांगी गई। लेकिन कोई अधिकारी जानकारी देने के लिए उपलब्ध नहीं हुआ।