-आम आदमी पार्टी ने की निगम आयुक्त की बर्खास्तगी की मांग
-आयुक्त ने जरूरी नहीं समझा अस्पतालों का दौरा करनाः आप
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) में आला अधिकारियों की मनमानी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। एनडीएमसी के अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने निगम आयुक्त आयुक्त वर्षा जोशी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आप प्रवक्ता हरीश अवस्थी ने कहा कि एक ओर भारतीय जनता पार्टी के नेता निगमकर्मियों के हितैषी बनने का ढोंग रच रहे हैं। दूसरी ओर वह निगम आयुक्त पर अंकुश लगा पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
हरीश अवस्थी ने कहा कि ‘‘दिल्ली सरकार को कोरोना के साथ लड़ाई में उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कोई सहयोग नहीं मिल रहा। निगम आयुक्त की मनमानी की वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इन कोरोना वॉरियर्स की की नाराजगी किसी भी दिन फूटकर सामने आ सकती है।’’
बता दें कि दिल्ली में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास कोई बड़ा अस्पताल नहीं हैं। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पास स्वामी दयानंद अस्पताल और वीर सावरकर अस्पताल हैं। जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास 5 बड़े अस्पताल हैं। इनमें सबसे बड़ा हिंदू राव अस्पताल है। इसके अलावा कस्तूरबा अस्पताल, राजन बाबू टीबी अस्पताल, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल और गिरिधरलाल अस्पताल हैं।
ईडीएमसी की नहीं भागीदारी
दिल्ली सरकार ने कोरोना के चलते पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) से वीर सावरकर अस्पताल का कुछ हिस्सा लिया है। ईडीएमसी की अतिरिक्त आयुक्त (स्वास्थ्य) अल्का शर्मा के मुताबिक वीर सावरकर अस्पताल के एक हिस्से को दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना सेंपल कलेक्शन के लिए उपयोग किया जा रहा है। इस काम में दिल्ली सरकार ने अपने डॉक्टर्स और स्टाफ को लगाया है। इस काम में पूर्वी दिल्ली नगर निगम को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
एनडीएमसी के दो अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव
उत्तरी दिल्ली के हिंदू राव अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल में अब तक कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 76 और चार कोरोना पॉजिटिव के संपर्क के मामले भी आए हैं। यहां तक कि एक दिन के लिए हिंदूराव अस्पताल को बंद करना पड़ा थी। इसके साथ ही आला अधिकारियों ने यहां के डीएचओ सहित पूरी टीम को ही हटा दिया गया था। हिंदू राव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पतालों में कोरोना के मद्देनजर बड़े आइसालेशन वार्ड तैयार किये गये हैं।
गिरधर लाल हॉस्पिटल पर लोकनायक व लेडी हार्डिंग का बोझ
कोरोना के साथ महायुद्ध में उत्तरी दिल्ली नगर निगम का गिरधर लाल अस्पताल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्थायी समिति अध्यक्ष जय प्रकाश ने बताया कि यहां दिल्ली सरकार के लेडी हार्डिंग और लोक नायक अस्पताल के जच्चा-बच्चा के मरीज आ रहे हैं। इसकी वजह से इस अस्पताल की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। बता दें कि निगम आयुक्त ने इस अस्पताल का दौरा करना भी जरूरी नहीं समझा।
निगम आयुक्त ने नहीं लिया अस्पतालों का जायजा
दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एनडीएमसी ने अपने कुछ डॉक्टर्स को एयरपोर्ट पर भी ड्यूटी पर लगाया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने हिंदूराव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पतालों में बड़े आइसोलेशन वार्ड तैयार कराये हैं। दो अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव लोग पाए जा चुके हैं। इसके बावजूद एनडीएमसी की निगम आयुक्त ने किसी भी अस्पताल में जाकर तैयारियों का जायजा नहीं लिया है।
नेताओं को चिंता, निगम आयुक्त को नहीं!
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने पिछले दिनों हिंदू राव अस्पताल सहित कई अस्पतालों का दौरा किया था। उन्होंने माना कि निगम आयुक्त ने किसी भी अस्पताल का दौरा करने में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी के डॉक्टर्स अच्छा काम कर रहे हैं। हिंदू राव अस्पताल और कस्तूरबा गांधी अस्पताल में हमने आइसोलेशन वार्ड बनाए हैं। हमारे स्वास्थ्यकर्मी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
ट्विटर पर लगे रहने से नहीं होता कामः अवस्थी
आप नेता हरीश अवस्थी ने कहा है कि निगम आयुक्त केवल ट्विटर पर जुटी रहती हैं। जबसे उन्होंने एनडीएमसी में काम संभाला है तभी से वह केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं, फील्ड में निकल कर कोई काम नहीं करतीं। उन्होंने कोरोना जैसी महामारी के दौर में निगम के अस्पतालों में जाकर जायजा लेना जरूरी नहीं समझा। पिछले दिनों उनकी मनमानी के कई मामले सामने आ चुके हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही निगम पार्षद आयुक्त की कार्यशैली से परेशान हैं। अवस्थी ने उपराज्यपाल से मांग की है कि निगम आयुक्त को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में चल रही आला अधिकारियों की मनमानी को लेकर निगम के दूसरी अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। निगम आयुक्त वर्षा जोशी से प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन उन्होंने भी इस मामले में कुछ नहीं कहा।