NORTH DMC: अब पार्किंग की फीस माफ कर निगम को करोड़ों का चूना लगाने की तैयारी

-तय सीमा से चार गुना ज्यादा जगह में चल रही रामलीला मैदान की पार्किंग
-अधिकारियों के गठजोड़ से करोड़ों रूपये का चूना लगा रहा पार्किंग माफिया
रामलीला मैदान: ठेकेदार द्वारा लाल घेरे के अंदर कराई जा रही है अतिरिक्त पार्किंग

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। लेकिन आला अधिकारी इसकी हालत सुधारने के लिए कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला निगम के आला अधिकारियों का पार्किंग माफिया के साथ मिलीभगत का सामने आया है। बताया जा रहा है कि कोरोना की वजह से ‘‘काम कम होने’’ के नाम पर अधिकारी पार्किंग ठेकेदारों के मासिक शुल्क में 50 फीसदी तक की कमी करने जा रहे हैं।

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अधिकारियों के इस फैसले से नगर निगम को करोड़ों रूपये का नुकसान होने का अनुमान है। जबकि उत्तरी दिल्ली की सभी पार्किंग फुल चल रही हैं। यहां तक कि संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से कई ठेकेदारों ने तो तय सीमा से कई गुना ज्यादा तक पार्किंग स्पेस घेर रखा है। लेकिन अधिकारियों ने ठेकेदार से ज्यादा शुल्क वसूलना तो दूर, ठेकेदार को एक नोटिस तक जारी नहीं किया है।

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ताजा मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम की रामलीला मैदान की पार्किंग का है। नगर निगम ने रामलीला मैदान के केवल एक छोटे से हिस्से को पार्किंग के लिए ठेके पर दिया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा गाड़ियों की डबल साइड पार्किंग के जरिए चार लाइन लगाई जा सकती हैं। लेकिन पार्किंग ठेकेदार के द्वारा तय जगह से कई गुना ज्यादा (करीब 70 फीसदी रामलीला मैदान) जगह का इस्तेमाल गाड़ियों की पार्किंग के लिए किया जा रहा है।

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इसके बावजूद निगम के आला अधिकारी पार्किंग ठेकेदारों को उनके तय मासिक शुल्क में 50 फीसदी से ज्यादा की छूट देने पर विचार कर रहे हैं। खास बात है कि छूट के इंतजार में कई पार्किंग ठेकेदारों ने पिछले कई महीनों से अपने पार्किंग का मासिक शुल्क जमा नहीं कराया है। जिसकी वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम को भारी आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है।
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अतिरिक्त आयुक्त बतौर रश्मि सिंह आरपी सेल की कमान संभाल रही हैं। पार्किंग ठेकों से संबंधित सभी मसले आरपी सेल के अंतर्गत ही आते हैं। आरपी सेल का काम उपायुक्त बतौर सीधे तौर पर केशव पुरम जोन की उपायुक्त इरा सिंघल देख रही हैं। उनके पास निगम के प्रेस एंड इन्फॉर्मेशन के निदेशक की पद की भी जिम्मेदारी है। दोनों ही अधिकारी निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में बैठते हैं। लेकिन कभी उनकी नजर अपने कार्यालय में बैठे-बैठे भी रामलीला मैदान में चल रही पार्किंग की ओर नहीं गई। सूत्रों का कहना है कि आरपी सेल में चल रहे बड़े स्तर के भ्रष्टाचार की वजह से अधिकारी अपनी आखें बंद किए बैठे हैं।
चार महीने से नहीं मिली सेलरी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के ए, बी व सी श्रेणी के अधिकारियों व कर्मचारियों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी तीन माह से अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टर्स की एसोसिएशन अलग वेतन को लेकर आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुट गई है। इसके बावजूद नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारी निगम की आय बढ़ाने के बजाय ठेकेदारों को पार्किंग शुल्क में छूट देकर घटाने पर विचार कर रहे हैं।