गंभीर आर्थिक संकट में NORTH DMC… सभी कामों पर रोक!… नहीं मालूम कब मिलेगी सेलरी?

-निगम आयुक्त ने आदेश जारी कर सभी विभागाध्यक्षों को दी अतिरिक्त खर्चों से बचने की चेतावनी
-आदेश में दिल्ली सरकार द्वारा ग्रांट इन ऐड, ट्रांसफर ड्यूटी, अदर ड्यूज नहीं जारी करने की बात
-निगम आयुक्त ने माना, नहीं दे पा रहे विभिन्न कर्मचारियों की पांच महीने से सेलरी व पेंशन

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर आर्थिक संकट के बादल और गहरा गये हैं। आने वाले दिनों में नगर नगम का यह आर्थिक संकट इससे भी ज्यादा बढ़ सकता है। इसे देखते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम की जिम्मेदारी देख रहे आयुक्त ज्ञानेश भारती ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र के रूप में चेतावनी जारी की है कि वह किसी भी तरह के खर्चे की जिम्मेदारी नहीं लें।

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आयुक्त की ओर से 11 सितंबर को जारी पत्र में कहा गया है कि इसी साल मार्च महीने के मध्य में लॉकडाउन के चलते निगम का आंतरिक राजस्व भारी मात्रा में घट गया है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से समय से नगर निगम को ग्रांट-इन-एड, ट्रांसफर ड्यूटी और अन्य ड्यूज जारी नहीं किये जाने की वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम गंभीर आर्थिक संकट () में फंस गया है। जिसकी वजह से निगम अपने अलग अलग श्रेणी के कर्मचारियों का वेतन और पेंशन भी पांच महीनों से नहीं दे पा रहा है।

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निगम आयुक्त ने अपने पत्र में सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे कि निगम पर कोई आर्थिक जिम्मेदारी पड़ें। निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने पूर्व निगम आयुक्त वर्षा जोशी के दिनांक 14 अगस्त, 2019 के सर्कुलर का हवाला भी दिया है। जिसमें उन्होंने सभी तरह के खर्चों पर रोक लगाते हुए जरूरी कामों की फाइल संबंधित अतिरिक्त आयुक्त के माध्यम से भेजने की बता कही थी।
बीते डेढ़ साल में ज्यादा बिगडी आर्थिक हालत
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक हालत बीते डेढ़ साल में ज्यादा बिगड़ी है। यही कारण है कि पिछले साल अगस्त में ही तत्कालीन निगम आयुक्त वर्षा जोशी ने विभागाध्यक्षों को सभी तरह के कामों पर रोक लगाते हुए खर्चों को बंद करने का आदेश जारी किया था। इसके बावजूद निगम अधिकारियों और सत्ता में बैठे नेताओं ने हालत सुधारने के लिए काई विशेष प्रयास नहीं किये। अब हालत यहां तक बिगड़ चुकी है कि ज्यादातर कर्मचारियों को बीते पांच महीनों से सेलरी नहीं मिली है।
दिल्ली सरकार जिम्मेदार!
निगम आयुक्त द्वारा जारी पत्र पर गौर करें तो उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा है कि एक ओर जहां लॉकडाउन की वजह से निगम की आंतरिक कमाई घटी है। दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने भी निगम को मिलने वाली ग्रांट-इन-एड, ट्रांसफर ड्यूटी और अन्य बकाया राशि को जारी नहीं किया है। जिसकी वजह से उत्तरी दिल्ली नगर निगम गंभीर आर्थिक संकट में पहुंच गया है।
अंधेरे में नगर निगम का भविष्य
गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे उत्तरी दिल्ली नगर निगम का भविष्य अंधेरे में है। कोई भी वरिष्ठ अधिकारी यह बता पाने में असमर्थ है कि निगम की आर्थिक स्थिति कब तक सुधर पाएगी? यही हालत सत्ता पक्ष में बैठे नेताओं की है। कोई भी नेता यह नहीं बता पा रहा है कि आने वाले दिनों में क्या होगा? बता दें कि अनिश्चिय की स्थिति इसलिए भी बन गई है कि महापौर जय प्रकाश कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से एम्स में दाखिल हैं और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष आदेश गुप्ता फिलहाल सेल्फ आइसोलेशन में हैं।