करोलबाग का एनडी मॉल… हाउस की बैठक में उठे सवाल… बैकफुट पर बीजेपी!

-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने उठाये बिल्डर माफिया के खिलाफ सवाल
-बीजेपी ने रद्द किया अवैध निर्माण व सीलिंग पर कांग्रेस का शॉर्ट नोटिस

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
करोलबाग के न्यू डायमंड मॉल (एनडी मॉल) का मुद्दा बुधवार को एक बार फिर गरमा गया। निगम में फैले बड़े स्तर के भ्रष्टाचार की मिसाल बन चुके एनडी मॉल का मुद्दा बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में उठाया गया। कांग्रेस दल और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने यह मुद्दा सदन की बैठक में जोर-शोर से उठाया। कांग्रेस ने निगम के बिल्डिंग विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर अवैध निर्माण एवं सीलिंग पर शॉर्ट नोटिस लगाया था। लेकिन बीजेपी नेताओं (महापौर) ने उसे स्वीकार नहीं किया। खास बात तो यह है कि ठीक एक दिन पूर्व उत्तरी दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में यह भी तय किया गया था कि कांग्रेस के शॉर्ट नोटिस से संबंधित पूरी जानकारी मुहैया करायी जायेगी और इस पर सदन में चर्चा भी होगी।

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लेकिन महापौर ने बैठक के एजेंडे में अवैध निर्माण और सीलिंग के शॉर्ट नोटिस को शामिल नहीं किया। इसके पश्चात कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बिल्डर माफिया का आतंक मचा हुआ है। एक मॉल कई साल तक केवल कागजों में सील रहा और वहां दुकानें चलती रहीं, लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगी। ऐसा संभव नहीं है, मॉल में चलने वाली दुकानदारों की दुकानें तो सील हो गईं, लेकिन बिल्डर माफिया और उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?

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अवैध निर्माण के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के पार्षद और प्रतिपक्ष के नेता विकास गोयल ने कहा कि जब सर्वदलीय बैठक में तय हो गया था कि अवैध निर्माण और सीलिंग के शॉर्ट नोटिस पर चर्चा कराई जायेगी तो रातोंरात यह फैसला बीजेपी के किस नेता ने बदला? इसकी जानकारी दी जानी चाहिए कि आप क्या छिपाना चाहते हैं? मॉल को सील करके दुकानदारों को तो सजा दे दी गई लेकिन 2013 में सील किया गया मॉल किसके संरक्षण में चल रहा था? किसने इसमें करोड़ों रूपये का लेन-देन किया? कौन इस अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार है? उनके नाम भी तो सामने आने चाहिए। 2021 में आकर जब कुछ दिन पहले आपकी चोरी पकड़ी गई तो जाकर तीन दिन पहले उस मॉल को सील कर दिया गया। इसकी कोई जांच तो की जानी चाहिए।
बैकफुट पर बीजेपी
करोलबाग के एनडी मॉल के मामले में भारतीय जनता पार्टी बैकफुट पर आ गई है। 2013 में सील किये जा चुके मॉल में किस तरह से दुकानें खुलती गईं? इसका जवाब दिल्ली बीजेपी और निगम में बीजेपी के किसी भी नेता के पास नहीं है। एटूजैड न्यूज के जरिये मीडिया में आने के बाद से इस मामले पर बोलने से बीजेपी के नेता कन्नी काट रहे हैं। पार्टी के जो नेता आम आदमी पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस खत्म होने से पहले रोजाना अपना बयान (जवाब) भेज देते हैं, बीजेपी के वह नेता भी इस मामले में अपना मुंह बंद किये हुए हैं। बीजेपी के नेताओं पर जवाब देते नहीं बन रहा है कि उनके ही शासनकाल में एक मॉल सील हुआ और उसमें लगातार दुकानें खुलती चली गईं।
टूटेगा अवैध निर्माण में सील किया गया एनडी मॉल?
करोलबाग के बीडनपुरा इलाके में बिल्डर माफिया द्वारा बनाया गया एनडी मॉल फिलहाल सभी तलों पर किये गये अवैध निर्माण के चलते एक बार फिर से सील कर दिया गया है। इस संपत्ति में किया गया अवैध निर्माण कंपाउंडेबल नहीं है, जिसकी वजह से इसमें किये गये अवैध निर्माण को मंजूरी नहीं दी जा सकती। नगर निगम और बिल्डिंग बाईलॉज के विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का अवैध निर्माण में सीलिंग के बाद बिल्डिंग को तोड़ना ही एकमात्र विकल्प है। इसे सील किये हुए कई वर्ष बीत गये हैं। बिल्डर माफिया ने इसकी सील को कई बार अवैध रूप से तोड़ा है और इसकी पुलिस कंपलेंट भी कई बार की जा चुकी है। अतः नगर निगम को अब इसे तोड़न की कार्रवाई करनी होगी।
बिल्डर माफिया के जाल में शामिल हैं बीजेपी और आप के कई नेता
सूत्रों का कहना है कि करोलबाग इलाके में फैले बिल्डर माफिया के जाल में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के कई नेता शामिल हैं। जिन बिल्डर माफियाओं को आम आदमी पार्टी ने व्यापारी बताकर वीडियो जारी किया था, वही लोग आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता के साथ एक फोटो में नजर आये थे। खास बात है कि अब बिल्डिंग निर्माण के इस काले धंधे में बीजेपी के एक सांसद के पिता और दिल्ली बीजेपी के एक और बड़े नेता का नाम भी चर्चा में आ गया है। आने वाले दिनों में इनके नामों का भी खुलासा हो सकता है।