NCERT: अरबों का नकली किताब घोटाला… NCERT अधिकारियों पर संदेह की सुई!

-नकली किताबों पर छप रहा था एनसीईआरटी का असली वॉटरमार्क
-मेरठ के बीजेपी नेता की प्रेस में छापेमारी में मिलीं 60 करोड़ की किताबें
-BJP ने संजीव गुप्ता को किया पार्टी से निलंबित, दर्ज हुआ मुकदमा

ब्यूरो रिपोर्ट/ मेरठ
उत्तर प्रदेश के मेरठ में चल रहे अरबों रूपये के नकली नेशनल काउंसिल ऑफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) किताबों के घोटाले में अब संदेह की सुई एनसीईआरटी के अधिकारियों की ओर घूम गई है। माना जा रहा है कि जिस बीजेपी नेता के प्रिंटिंग प्रेस और गोदाम में छापेमारी के दौरान करोड़ों रूपये की नकली किताबें बरामद हुई थींं। उसके साथ एनसीईआरटी के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी हो सकती है।

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इस गोरखधंधे की जांच में पता चला है कि एनसीईआरटी के नाम पर बरामद की गईं 342 तरह की अलग-अलग किताबें नकली थीं लेकिन किताबों में एनसीईआरटी का वॉटरमार्क असली है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि धोखाधड़ी का कनेक्शन एनसीईआरटी से जुड़ा हो सकता है।
जांच एजेंसियां अब यह गुत्थी सुलझाने में जुटी हैं कि एनसीईआरटी का यह असली वॉटरमार्क सचिन गुप्ता के पास कहां से आया? क्योंकि यह वॉटरमार्क केवल एनसीईआरटी के पास ही होता है। इसको लेकर अब एनसीईआरटी के अधिकारियों की भूमिका को लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

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मेरठ पहुंचे एनसीईआरटी के अधिकारी आशुतोष मिश्रा के मुताबिक एनसीईआरटी की किताब के हर पन्ने पर वॉटरमार्क होता है। नकली किताबों पर भी प्रत्येक पन्ने पर वॉटरमार्क मिला है। उन्होंने बताया कि सचिन गुप्ता के पास एनसीईआरटी की किताबें प्रकाशित करने की कोई अनुमति नहीं है। एनसीईआरटी की टीम ने पुलिस को सारे दस्तावेज सौंप दिए हैं। इसके साथ ही एनसीईआरटी विभागीय जांच भी कराएगा कि असली वॉटरमार्कसचिन गुप्ता को कहां से मिला?
आठ साल पहले भी पकड़ी गईं थीं नकली किताबें
पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता पिछले करीब एक दशक से एनसीईआरटी की नकली किताबों का धंधा चलाते आ रहे हैं। साल 2013 में भी छापेमारी के दौरान संजीव गुप्ता की प्रिटिंग प्रेस में एनसीआरटी की नकली किताबें पकड़ी गई थीं। उस समय भी एनसीईआरटी इंटेलीजेंस की टीम ने टीपी नगर पुलिस के साथ छापा मारा था। सूत्रों का कहना है कि उस समय सत्ताधारी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला रफा दफा कर दिया गया था।
जीएसटी की टीम ने शुरू की जांच
अरबों रूपये की नकली किताबों का मामला सामने आने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने सचिन गुप्ता के दफ्तर से कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर एसआईबी शशिभूसण सिंह ने बताया कि जीएसटी की टीमें एसटीएफ के साथ मिलकर जांच-पड़ताल कर रही है। टैक्स चोरी और फर्जी फर्मों की जांच की जा रही हैं। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों का कहना है आरोपियों ने बीते करीब एक दशक में इस तरह की धोखाधड़ी से अब तक अरबों की संपत्तियां खड़ी कर ली हैं। इससे सरकार को रेवेन्यू का करोड़ों रूपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
मेरठ और गजरौला में पकड़ी गईं 60 करोड़ की किताबें
बता दें कि उत्तर प्रदेश की एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने शुक्रवार 21 अगस्त को मेरठ में सचिन गुप्ता की पिं्रटिंग प्रेस में छापेमारी की थी। इस दौरान यहां से एसटीएफ ने करीब 35 करोड़ रूपयें की एनसीईआरटी की नकली किताबें जब्त की थीं। इसके साथ ही 21 अगस्त की रात को ही करीब 1 बजे सचिन गुप्ता के अमरोहा के गजरौला में स्थित गोदाम पर छापेमारी की थी। यहां से पुलिस ने एनसीईआरटी की करीब 35 करोड़ रूपये की नकली किताबें जब्त की थीं।