नगर निगम की शिक्षा, स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्थाएं बदहाल… कांग्रेस ने की उपराज्यपाल से हस्तक्षेप की माग

-नगर निगमों के आर्थिक मुद्दे पर खुद सीधे हस्तक्षेप करें उपराज्यपालः मुकेश गोयल
-निगमों के बकाया फंड को लेकर राजनीति कर रहे बीजेपी और आापः मुकेश गोयल
-दिल्ली सरकार को बकाया राशि जारी करने के आदेश दें उपराज्यपालः मुकेश गोयल

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मांग की है कि वह नगर निगमों के मुद्दे पर सीधे हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि निगमों के बकाया पर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी केवल राजनीति कर रहे हैं। अतः दिल्ली के प्रशासक की जिम्मेदारी निभाते हुए उपराज्यपाल को इस मामले में हस्तक्षेप कर दिल्ली सरकार से बकाया राशि जारी करने के आदेश जारी करें।
मुकेश गोयल ने उपराज्यपाल को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार निगम की हालत सुधारने के लिए कोई सहयोग नहीं कर रही है। जिसकी वजह से निगम के कर्मचारियों को पिछले करीब चार महीने से सेलरी नहीं मिल पाई है। नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी भी निगम के संसाधनों का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पा रही है। जिसकी वजह से नगर निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है।
मुकेश गोयल ने आगे कहा कि पिछले करीब एक सप्ताह से नगर निगम के बीजेपी नेता 13 हजार करोड़ रूपये के बकाये की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर धरना दे रहे हैं। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और नगर निगम में सत्ताधारी बीजेपी ने नगर निगम की आर्थिक हालत के मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है। दोनों ही दलों में से कोई भी निगमों की लगातार बिगड़ती हालत को लेकर गंभीर नहीं है।
गंभीर आर्थिक संकट की वजह से निगम की सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है। अतः निगमों की बिगड़ती हालत को सुधारने के लिए उपराज्यपाल कों हस्तक्षेप कर निगम के आर्थिक मुद्दे पर चल रही राजनीति को तुरंत बंद कराना चाहिए। उन्होंने यह मांग भी की है कि निगम अधिकारियों को विशेष आदेश जारी किये जाएं कि नगर निगम के खुद के स्रोतों से भी आय अर्जित करें ताकि निगम को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके।