नगर निगमः 8 करोड़ से ज्यादा का है ‘फर्जी हाजिरी’ घोटाला

-‘फर्जी हाजिरी घोटाला’ पार्ट-5
-पूरी दिल्ली में बंद हुई बायोमैट्रिक से हाजिरी
-वापस मैनुअल हाजिरी पर लौटे तीनों निगम

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली के नगर निगमों में चल रहा ‘फर्जी हाजिरी’ घोटाला 8 करोड़ से ज्यादा का हो गया है। आश्चर्य की बात है कि फर्जी और कामचोर कर्मचारियों पर रोक लगाने के लिये लाई गई बायोमेट्रिक मशीनों से हाजिरी की व्यवस्था को तीनों नगर निगमों ने ध्वस्त कर दिया है। अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में कर्मचारियों की हाजिरी मैनुअल प्रणाली से ली जा रही है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने बायोमैट्रिक मशीनें पिछले करीब डेढ़ साल से बंद करा दी गई हैं। सियासी मैदान में अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग उठने लगी है।

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खास बात है कि हाजिरी की व्यवस्था भी अब पहले की तरह मलेरिया इंस्पेक्टर्स (एमआई) और असिस्टेंट मलेरिया इंस्पेक्टर्स (एएमआई) को सोंप दी गई है। इसके चलते तीनों नगर निगमों में फर्जी हाजिरी लगाकर सेलरी उठाने का खेल जमकर चल रहा है। कुछ ईमानदार फील्ड वर्कर्स और डीबीसी कर्मी यदि समय पर पहुंच कर रजिस्टर में अपनी हाजिरी लगाना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने से मना किया जा रहा है। दक्षिणी दिल्ली के ज्यादातर जोन में अब केवल एम आई और एएमआई ही कर्मचारियों की हाजिरी लगा रहे हैं।

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बता दें कि दिल्ली में नगर निगम के 272 वार्ड हैं। हर वार्ड में हर महीने लोगों की फर्जी हाजिरी लगाकर 20 से 25 हजार रूपये का घोटाला किया जा रहा है। देखने में यह रकम छोटी लग सकती है। लेकिन 272 वार्ड्स का आंकड़ा निकालें तो सालाना 8 करोड़ रूपये से ऊपर का बैठता है। आरोप है कि कई वार्ड्स में तो सीएफडब्लू, एफडब्लू और डीबीसी कर्मचारी महीने में केवल एक या दो दिन ही आते हैं और पूरे महीने की सेलरी उठाकर ले जा रहे हैं।
रजिस्टर में हाजिरी लगाना बंद
फर्जी हाजिरी घोटाले की खबरें सामने आने के बाद दक्षिणी दिल्ली के कई जोन में सीएफडब्लू, एफडब्लू और डीबीसी कर्मचारियों से रजिस्टर में हाजिरी लगवाना ही बंद कर दिया गया है। अब केवल एमआई या एएमआई ही रजिस्टर में अपने हिसाब से ए (एप्सेंट) या पी (प्रेजेंट) लगा रहे हैं। यदि कोई कर्मचारी अपनी हाजिरी लगाने की बात भी करता है तो उसे ऊपर का आदेश बताकर चुप करा दिया जाता है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वेस्ट जोन के ज्यादातर वार्ड्स में ऐसा ही किया जा रहा है।
चोरी पकड़े जाने के डर से छिपाए रजिस्टर
अधिकारियों ने बायोमैट्रिक मशीनें तो पहले ही कबाड़ में फिंकवा रखी हैं, अब चोरी पकड़ने जाने के डर से हाजिरी रजिस्टर भी छिपा दिये हैं। हाल ही में यह ‘फर्जी हाजिरी’ घोटाला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मादीपुर वार्ड से सामने आया था। यहां हाजिरी रजिस्टर में पूरे महीने कॉलम खाली रखकर बाद में हाजिरी लगाने की बात सामने आई थी। हाजिरी रजिस्टर और मूवमेंट रजिस्टर में किये गये

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फर्जीवाड़े के साक्ष्य भी निगम के आला अधिकारियों को दिये गए थे। इसके बाद से अधिकारियों ने कर्मचारियों से रजिस्टर में हाजिरी लगवाना बंद कर दिया है। ताकि काम पर नहीं आने वाले कर्मचारियों की गैर हाजिरी के साक्ष्य किसी के सामने नहीं आ सकें और अफसरों के द्वारा सरकारी पैसे की बंदरबांट जारी रह सके।
मादीपुर से हटाए 6 कर्मचारी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पश्चिमी क्षेत्र स्थित मादीपुर वार्ड से ही फर्जी हाजिरी घोटाले का मामला सामने आया था। इसके बाद अधिकतर वार्ड्स से इसी तरह की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। एटूजैड न्यूज ने कुछ नामों के साथ खबर लगाई थी। आला अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद अब मादीपुर वार्ड से ऐसे 6 लोगों का ट्रांसफर दूसरे वार्डों में किया गया है। हालांकि जिनके ऊपर फर्जी हाजिरी लगवाने का आरोप है उनमें से अभी 2-3 लोग इसी वार्ड में काम कर रहे हैं।