-इंटरनल जांच में सामने आया क्लब के पूर्व सचिव एवं दो अन्य लोगों का नाम
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित दिल्ली जिमखाना क्लब से लॉकडाउन के दौरान लाखों की शराब गायब होने का मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। बता दें कि जब पिछली बार लॉकडाउन से हालात सामान्य हुए और क्लब में शराब के स्टाक की जांच हुई तो हेराफेरी का पता चला। क्लब से करीब 2.14 लाख की 78 बोतल शराब की बोतलें गायब मिलीं।
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गौरतलब है कि मामले का पता चलने के बाद क्लब ने इंटरनल इंक्वारी कराई थी। इस जांच में पूर्व सचिव समेत तीन लोगों के अलावा कुछ अन्य लोग भी हेराफेरी में शामिल पाए गए। मामले को गंभीर मानते हुए क्लब के कार्यवाहक सचिव ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से शिकायत की थी। छानबीन के बाद पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कार्यवाहक सचिव ने अपनी शिकायत में बताया कि दिल्ली जिमखाना क्लब (डीजीसी) के पास आबकारी का वैध लाइसेंस है। क्लब अपने सदस्यों को परोसने के लिए शराब खरीदता है। कोविड की वजह से वर्ष 2020 में 20 मार्च को क्लब को लॉक डाउन लगने पर बंद कर दिया गया था। इससे पूर्व 19 मार्च को बार के स्टोर में रखी शराब का स्टॉक लिया गया था। जून में लॉक डाउन के बाद क्लब खुला तो स्टॉक से भारी मात्रा में शराब की बोतलें कम मिलीं।
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स्टाफ ने इसकी जानकारी क्लब के सदस्यों को दी, लेकिन इस पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद डीजीसी के अध्यक्ष के संज्ञान में इस मामले को लाया गया। मामले का पता चलते ही फौरन इसकी आंतरिक जांच कराई गई। जांच के दौरान पता चला कि डीजीसी के पूर्व सचिव लॉकडाउन के दौरान क्लब के ही क्वार्टर में रुके रहे। इस दौरान बीच-बीच में वह बार स्टॉक से अपने व मिलने वालों के लिए शराब की बोतलें निकालते रहे।
पूर्व सचिव ने अपनी पसंद की महंगी शराब को अपने क्वार्टर में ले जाकर उसका इस्तेमाल किया। बार स्टॉक के लेखाजोखा से शराब के हिसाब- किताब में पूर्व सचिव व दो अन्य लोगों के नाम पर शराब देने का पता चला। डीजीसी की ओर दी गई लिखित शिकायत में पूर्व सचिव समेत तीनों के नाम थे। इसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।