लाखों रूपये स्वाहा… NORTH DMC का प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल नहीं चला… साउथ के खाते में जा रहा नॉर्थ दिल्ली का पैसा!

-पोर्टल पर नहीं खुल रहे पुराने आईडी से प्रॉपर्टी अकाउंट
-वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी पस्त, फिर भी अधिकारी मस्त!
-लाखों रूपये खर्च करके भी प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल में झोल

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
‘‘न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम न इधर के रहे न उधर के रहे’’ जी हां यह कहावत उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों पर सही बैठी है। निगम का नया प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल ‘टांय-टांय फिस्स’ साबित हुआ है। एटूजैड न्यूज ने पहले ही इस खबर को प्रमुखता से चलाया था कि पूर्व आयुक्त वर्षा जोशी की ‘नये प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल’ की महत्वाकांक्षी परियोजना फेल हो गई है। लॉकडाउन के दौरान पूर्व आयुक्त और वर्तमान अधिकारियों द्वारा लिए गए फैसले एक-एक कर धराशायी होते जा रहे हैं। लेकिन निगम के कुछ आला अधिकारी अब भी पदों की बंदरबांट और ईमानदार अधिकारियों को साइडलाइन करने में जुटे हैं। आश्चर्य की खबर है कि जिन लोगों का टैक्स जमा भी हो रहा है, उनका पैसा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के खाते में जा रहा है।

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एक ओर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों को बीते तीन माह से वेतन नहीं मिला है। दूसरी ओर पेशनर्स बिना पेंशन के तनाव में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पूर्व आयुक्त के चहेते आला अधिकारियों ने अपनी मनमानी से नए प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल पर लाखों रूपये फूंक डाले। इसके बावजूद निगम को एक रूपये का भी लाभ नहीं हुआ। खास बात है कि लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
डॉक्टर्स की सेलरी का मामला कोर्ट तक पहुंचा और निगम को फटकार भी लग चुकी है। लेकिन निगम अधिकारी सुधरने को बिलकुल तैयार नहीं हैं। अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए कैंप लगवाने जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएं तलाश रहा है। फिर भी निगम के आला अधिकारी सुधरने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़ा है। निगम का प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल सही ढंग से काम ही नहीं कर रहा। जबकि पुराने सिस्टम में ज्यादा परेशानियां नहीं आ रही थीं।

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खास बात है कि एक ओर उत्तरी दिल्ली नगर निगम एक-एक पैसे के लिए मोहताज है। दूसरी ओर अधिकारियों ने नया प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल बनवाने पर लाखों रूपये खर्च कर दिए। इससे भी बड़ी बात है कि नए प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल पर यूपिक आईडी और प्रॉपर्टीज की डिटेल्स ही गलत भरे गए हैं। मुश्किल यह भी है कि कोई टैक्सपेयर चाहे तब भी इन गलतियों को ठीक नहीं कर सकता।

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बेहद बरे आर्थिक हालातों का सामना कर रहे उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल की ऐसी हालत है कि खुद निगम पार्षद ही अपना टैक्स जमा नहीं करवा पा रहे हैं। कई निगम पार्षदों की शिकायत है कि निगम के शीर्ष पदों पर बैठे बीजेपी के नेता ही निगम के आला अधिकारियों से काम नहीं ले पा रहे हैं। इसकी वजह से निगम के हालात खराब होते जा रहे हैं।
कई पदों पर रह चुके एक निगम पार्षद का कहना है कि निगम का प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल आसानी से नहीं खुलता। यदि कोई अपनी प्रॉपर्टी टैक्स की रिटर्न दाखिल करना चाहता है तो आसानी से नहीं कर सकता। पहले का रिटर्न भरने का फार्म आसान था, लेकिन नया फार्म बहुत मुश्किल कर दिया गया है।

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निगम पार्षद के मुताबिक नए प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल पर पुराने यूपिक आईडी गलत डाले गये हैं। इसकी वजह से ज्यादातर लोगों के पुराने यूपिक आईडी के आधार पर उनका अकाउंट खुलता ही नहीं है। दूसरी सबसे बड़ी मुश्किल है कि एक यूपिक आईडी डालने पर उस प्रापर्टी से जुड़े सभी प्रापर्टी का अकाउंट खुल जाता है। उदाहरण के लिए यदि एक बिल्डिंग में तीन फ्लोर हैं और तीनों के अलग अलग मालिक हैं।

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यदि कोई एक मालिक अपनी प्रापर्टी का टैक्स जमा करना चाहता है और अपने पूराने यूपिक आईडी का इस्तेमाल करता है तो उस एक यूपिक पर तीनों प्रॉपर्टी का अकाउंट खुल जाता है। यानी कि एक व्यक्ति को तीनों प्रॉपर्टी का टैक्स भरना होगा। खास बात है कि केवल एक प्रॉपर्टी का टैक्स नहीं जमा कराया जा सकता।
साउथ के खाते में जा रहा नॉर्थ दिल्ली का पैसा
सूत्रों का कहना है कि पहले तो लोग पोर्टल पर ऑनलाइन टैक्स जमा ही नहीं करवा पा रहे हैं। लेकिन जिन लोगों का टैक्स जमा भी हो रहा है, उनका पैसा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के खाते में जा रहा है। इस तरह के कई मैसेज सोशल मीडिया पर भी चल रहे हैं। नए पोर्टल में जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है वह गलत है। इसकी वजह से पूरा जून का महीना पोर्टल के ठीक होने में लग सकता है।
लोगों को 30 जून तक मिली है छूट
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने पुराने पिछले वर्षों का हाउस टैक्स जमा कराने के लिए आम माफी योजना लागू की है। इसके तहत बिना किसी ब्याज या जुर्माने के लोग अपना पुराना हाउस टैक्स 30 जून तक जमा करा सकते हैं। लेकिन निगम का प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल 15 जून तक शुरू ही नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है कि इसके शुरू होने में कम से कम 10 से 15 दिन लग सकते हैं। ऐसे में निगम को एक बार फिर आम माफी योजना की तारीख 31 जुलाई तक बढ़ानी पड़ेगी।
नया अकाउंट बनाने की मिल रही सलाह
एक और निगम पार्षद ने बताया कि उनकी प्रापर्टी की यूपिक आईडी डालने पर भी ऐसा ही हुआ। जब उन्होंने संबंधित अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि आप नया अकाउंट बना लीजिए। लेकिन नया अकाउंट कोई साधारण व्यक्ति नहीं बना सकता। किसी भी नई प्रॉपर्टी का नया अकाउंट तभी एक्टिवेट होगा जब निगम के प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेट से उसे ओके किया जाए। एसे में निगम को आसानी से राजस्व मिल पाना फिलहाल तो मुश्किल नजर आ रहा है।
दोनों अतिरिक्त आयुक्तों के कंधों पर जिम्मेदारी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम का काम फिलहाल अतिरिक्त आयुक्तों के रूप में रश्मि सिंह और संदीप जे जैक्स संभाल रहे हैं। संदीप जे जैक्स के पास फाइनेंस, अकाउंट्स और असेसमेंट एवं कलेक्शन विभाग हैं। जबकि रश्मि सिंह के पास इनफॉर्मेशन एड टैनॉलॉजी विभाग हैं। यह मामला दोनों अतिरिक्त आयुक्तों से जुड़ा हुआ है। लेकिन फिर भी प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल काम नहीं कर रहा।
आयकर विभाग से लिया डाटा
उत्तरी दिल्ली की पूर्व आयुक्त वर्षा जोशी ने बड़े जोर-शोर से नए प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल की शुरूआत की थी। लेकिन वर्षा जोशी की यह महत्वाकांक्षी
परियोजना धरातल पर आते ही फुस्स हो गई है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए आयकर विभाग से डाटा लिया गया था। वह डाटा निगम के प्रापर्टी टैक्स विभाग के पूराने यूपिक आईडी से मेल नहीं खा रहा है। इसकी वजह से इस परियोजना पर खर्च किए गए लाखों रूपये बेकार चले गए हैं।
टैक्स वसूली के लिए लगाएंगे कैंपः जय प्रकाश
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने कहा कि यह सही है कि नया प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल काम नहीं कर रहा है। हमने अधिकारियों को कहा है कि वह जल्दी से जल्दी व्यवस्था को ठीक कराएं। जय प्रकाश ने कहा कि हमने लोगों को आम माफी योजना के तहत पुराने टैक्स पर ब्याज व पैनल्टी माफ करने की सुविधा दी है। लेकिन लोग ऑनलाइन टैक्स नहीं भर पा रहे हैं। इसके लिए हम जल्दी ही प्रॉपर्टी टैक्स कैंपों का आयोजन करेंगे। हमने अधिकारियों को कहा है कि वह समय रहते टैक्स वसूली के लिए कैंप लगाएं। उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों को यह भी कहा है कि इन कैंपों में सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए।