किसान आंदोलनः अब जुर्म नहीं पराली जलाना… बिजली बिल भी वापस

-4 जनवरी को फिर से होगी किसानों के साथ वार्ता

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसान यूनियनों की बीतचीत में सकारात्मक पहलू सामने आए हैं। अब अपने खेतों में पराली जलाना अपराध नहीं होगा। केंद्र सरकार बिजली कानून को भी वापस लेने के लिए तैयार हो गई है। किसानों संगठनों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत में फैसले लिये गए। करीब 5 घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पर्यावरण अध्यादेश पर सहमति बन गई है और ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं होगा और बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में नाइट कर्फ्यू, नहीं मना सकेंगे न्यू ईयर का जश्न

सरकार ने बुधवार को एमएसपी खरीद प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन पर एक समिति गठित करने की पेशकश की और विद्युत शुल्क (बिजली बिल) पर प्रस्तावित कानूनों और पराली जलाने से संबंधित प्रावधानों को स्थगित रखने पर सहमति जताई। लेकिन किसान संगठनों के नेता पांच घंटे से अधिक समय तक चली छठे दौर की वार्ता में तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की अपनी मुख्य मांग पर अड़े रहे। अब चार जनवरी को फिर से वार्ता होगी।

यह भी पढ़ें- पार्षदों के बीच जमकर चले जूते-चप्पल, सदन में दर्शक दीर्घा से फेंके हैंडबिल

बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है। शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की। केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक के दौरान किसान नेताओं के साथ लंगर में शामिल होकर भोजन किया। दूसरी ओर किसान संगठनों के प्रतिनिधि शाम के चाय विराम के दौरान सरकार द्वारा आयोजित जलपान कार्यक्रम में भी शामिल हुए।

यह भी पढ़ें- ईडी ने पढ़ा गायत्री मंत्र… मिले 11 लाख के पुराने नोट

पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रुल्दू सिंह मनसा ने कहा कि सरकार एमएसपी खरीद पर कानूनी समर्थन देने को तैयार नहीं है और इसकी जगह उसने एमएसपी के उचित क्रियान्वयन पर समिति गठित करने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विद्युत संशोधन विधेयक को वापस लेने और पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रावधान को हटाने के लिए अध्यादेश में संशोधन करने का भरोसा दिलाया है। दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार प्रस्तावित विद्युत संशोधन विधेयक और पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण से संबंधित अध्यादेश को क्रियान्वित न करने पर सहमत हुई है।