केशव पुरम जोनः ‘ये इरा का इलाका है… यहां वही होगा जो हम चाहेंगे’

: ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले पर पार्षदों को मिला उलटा जवाब
: केशव पुरम जोन में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रहीं धज्जियां

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कुछ अधिकारियों ने निगम को अपनी निजी प्रॉपर्टी समझ लिया है। निगम के काम लगातार पिछड़ रहे हैं लेकिन अधिकारी ट्रांसफर-पोस्टिंग में व्यस्त और मस्त हैं। ‘ये इरा का इलाका है, यहां हम जो चाहेंगे वही होगा’ यह डायलॉग फिल्मी लग सकता है, लेकिन कुछ इसी तरह का नजारा शुक्रवार को केशव पुरम जोन कार्यालय में हुई वार्ड समिति की बैठक में देखने को मिला।

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केशव पुरम जोन की बैठक में शुक्रवार को योगेश वर्मा, राजीव, सुरजीत सिंह व जोन चेयरमैन जोगीराम जैन सहित कई पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों से बेलदारों के मनमाने ट्रांसफर का मुद्दा उठाया। पार्षदों ने जोन के उपस्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) राजेश कुमार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। पार्षदों ने पूछा कि उनके वार्ड्स से बेलदारों का ट्रांसफर किस आधार पर किया गया?

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जोन चेयरमैन जोगीराम जैन ने बैठक में कहा कि जिस वार्ड से बेलदारों के ट्रांसफर किये गए हैं उनके पार्षदों को ही नहीं पता चला। कम से कम ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में पार्षदों और जोन चेयरमैन को तो जानकारी दी जानी चाहिए। इस पर उपायुक्त इरा सिंघल ने जवाब दिया कि ‘‘यह हमारा अधिकार है, हम ऐसा कर सकते हैं।’’

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जोन उपायुक्त इरा सिंघल के इस जवाब को लेकर कई पार्षदों ने नाराजगी जताई है। बीजेपी के एक पार्षद का कहना है कि जोन में कोई काम नहीं हो रहा है। खास तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने कोई काम नहीं किया। व्यवस्था बिलकुल चरमरा गई है, लेकिन डीसी महोदया कोई काम करने को तैयार नहीं हैं। हम लोग वार्ड्स में कर्मचारियों से थोड़ा बहुत काम करा लेते हैं, लेकिन डीसी उसमें भी अड़ंगा खड़ा कर देती हैं।
खुद के पैसों से कराया सैनिटाइजेशन का काम
पीतमपुरा से बीजेपी की निगम पार्षद और पूर्व जोन चेयरमैन अंजू जैन ने कहा कि पूरे लॉकडाउन के दौरान और अब भी निगम पार्षदों ने खुद अपने पैसों से दवाईयों और मशीनों की व्यवस्था करके सैनिटाइजेशन का काम कराया है। जोन की डीसी या जोन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सैनिटाइजेशन के लिए एक मशीन तक की व्यवस्था नहीं की है। सैनेटाइजेशन का काम भी मलेरिया या जन स्वास्थ्य विभाग ने नहीं किया। बल्कि यह काम भी वर्क्स डिपार्टमेंट के लोगों से कराया गया है।
जिस विभाग ने किए ट्रांसफर, उसी विभाग पर सवाल
पिछले सप्ताह केशव पुरम जोन के जन स्वास्थ्य विभाग के कई बेदलारों के ट्रांसफर बिना पार्षदों को भरोसे में लिए किये गए हैं। बताया जा रहा है कि जोन उपायुक्त इरा सिंघल के आदेश पर ऐसा किया गया है। इसके बाद जन स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर ही पार्षदों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। एक पार्षद ने उपायुक्त से पूछा कि निगम के स्वास्थ्य विभाग से सैनेटाइजेशन का काम क्यों नहीं कराया जा रहा? तब भी उन्होंने यही कहा था कि ‘‘यह हमारा अधिकार है कि हमें किससे काम कराना है।’’
जोन कार्यालय में उड़ीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
हर बात पर ‘‘मेरा अधिकार है’’ की बात करने वाली केशव पुरम जोन की उपायुक्त इरा सिंघल के कार्यालय में ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह नजारा रेहड़ी-पटरी वालों के लिए फार्म जमा कराने के मामले में देखने को मिला। दिल्ली में कोरोना महामारी का कहर चरम पर है, लेकिन डीसी महोदया ने अपने ही कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग बरतने के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं कराई है। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए व्यवस्था नहीं कराना भी क्या डीसी महोदया के अधिकार में आता है?
संज्ञान में लाने पर नहीं की व्यवस्था, काउंटर ही बंद करा दिया
शुक्रवार 10 जुलाई को केशव पुरम जोन कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। जब यह बात उपायुक्त महोदया के संज्ञान में लाई गई तो उन्होंने ‘‘अपने अधिकार’’ का प्रयोग करते हुए रेहड़ी-पटरी वालों के लिए खोला गया काउंटर ही बंद करा दिया। इसके चलते दर्जनों मजबूर और परेशान लोगों को बिना अपना काम कराए ही जोन कार्यालय से वापस लौटना पड़ा।
जोन में नहीं हो रहा कोई कामः आप
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष और आम आदमी के पार्षद विकास गोयल ने कहा कि केशव पुरम जोन में कोई काम नहीं हो रहा है। अफसरों की मनमानी चल रही है। सत्ताधारी बीजेपी के नेता अधिकारियों से काम नहीं ले पा रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की कमजोरी की वजह से अधिकारी निरंकुश हो गए हैं।