-दविश देने गई पुलिस टीम ने 3 बदमाश मार गिराए
-बिठूर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में हुआ एनकाउंटर
टीम एटूजैड/ कानपुर
उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात करीब एक बजे बदमाशों के साथ एनकाउंटर में डीएसपी सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। दबिश देने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसमें सर्कल ऑफिसर (डीएसपी) और 3 सब इंस्पेक्टर सहित 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है।
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प्राप्त सुचना के मुताबिक पुलिस बिठूर थाना इलाके के एक गांव में हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। लेकिन उसकी गैंग के लोगों ने पुलिस पर घात लगाकर छत से हमला कर दिया। एनकाउंटर के दौरान विकास दुबे फरार हो गया है। बदमाशों ने पुलिस के कई हथियार भी लूट लिए। पुलिस के मुताबिक घटना के बाद एनकाउंटर में विकास दुबे के 3 साथियों को मार गिराया गया है।
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डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव गई थी। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ की टीम को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं।
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एनकाउंटर में शहीद पुलिसकर्मी
बदमाशों के साथ हुई जबरदस्त मुठभेड़ में डीएसपी देवेंद्र मिश्र, एसओ महेश चंद्र यादव, एसआई अनूप कुमार सिंह, एसआई नेवूलाल, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू की मौत हो गई है। इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत 7 पुलिसकर्मियों को गोली लगी है। इनका इलाज रीजेंसी अस्पताल में किया जा रहा है।
विकास दुबे पर हैं 60 से ज्यादा मामले
विकास ने 2001 में थाने में घुसकर राजनाथ सिंह की सरकार में राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। वह थाने में घुसकर पुलिसकर्मी सहित कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास दुबे पर विभिन्न थानों में 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है।
पुलिस टीम को घेरकर दिया वारदात को अंजाम
उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि विकास दुबे के खिलाफ कुछ दिन पहले हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था। पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी। जैसे ही फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो वहां जेसीबी लगा दी गई। इस वजह से फोर्स की गाड़ियां गांव के अंदर नहीं जा सकी। जैसे ही पुलिस टीम गाड़ियों से उतर कर पैदल आगे बढ़ी, घात लगाए बैठे बदमाशों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया। अचानक हुए हमले से पुलिसकर्मी संभल नहीं पाए और 8 लोगों की जान चली गई।
किला नुमा मकान और ऐके-45 का इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने अपना मकान किले में तब्दील कर लिया है। कोई भी आसानी से उसके मकान में नहीं घुस सकता। पुलिस के मुताबिक घटना स्थल से ऐके-47 राइफल के खाली कारतूस मिले हैं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बदमाश आधुनिक हथियारों से लैस थे।