विकास दुबे को पैसा और कारतूस पहुंचाने वाला जय वाजपेयी साथियों सहित गिरफ्तार

-खूंखार बदमाश विकास दुबे को दो लाख रूपये और 25 कारतूस देने का आरोप
-जय वाजपेयी है यूपी सरकार के एक बड़े अधिकारी का रिश्तेदार

टीम एटूजैड/ कानपुर
कानपुर कांड के मुख्य आरोपी और पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को मदद करने के आरोप में कानपुर पुलिस ने जय वाजपेयी और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है। रविवार देर रात तक काफी कशमकश के बाद पुलिस ने यह गिरफ्तारी की है। पुलिस ने जय पर घटना के दो दिन पहले विकास दुबे को दो लाख रुपये और 25 कारतूस देने के आरोप समेत कई धाराओं में देर रात कानपुर के नजीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया है।

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बिकरू कांड के बाद एसटीएफ ने जय बाजपेई को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। 15 दिन बाद रविवार की शाम वह अपने घर पहुंचा था। देर रात पुलिस ने जय को दोबारा घर से हिरासत में लिया। इसके बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने नजीराबाद थाने पहुंचकर उससे पूछताछ की। पुलिस के अनुसार जय ने घटना के दो दिन पहले विकास दुबे को दो लाख रुपये और 25 कारतूस दिए थे। पुलिस की जांच में लाइसेंसी रिवाल्वर के नाम पर 25 कारतूस की खरीद मिली है, लेकिन वह नहीं बता सका कि कारतूस कहां प्रयोग किए गए।

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एफआईआर के मुताबिक 4 जुलाई को जय बाजपेई अपने साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू निवासी आर्य नगर के साथ तीन गाड़ियों से विकास दुबे और उसके गैंग को कानपुर से सुरक्षित निकालने की तैयारी कर रहा था। पुलिस की सक्रियता के चलते वह इस काम को अंजाम नहीं दे सका और तीनों कार विजय नगर चौराहे के पास छोड़कर भाग खड़ा हुआ। इसीलिए तीनों गाड़ियों की नंबर प्लेट हटाकर लावारिस हालत में छोड़ दी गई थीं। पुलिस ने जय बाजपेयी और साथी प्रशांत शुक्ला को दो जुलाई की घटना में साजिश का आरोपी बनाया है और नजीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि सोमवार को जय बाजपेयी और प्रशांत शुक्ला को अदालत में पेश किया जाएगा।
जब्त किए रिवॉल्वर और पासपोर्ट
जय वाजपेयी को विकास दुबे का खजांची कहा जाता है। वह उत्तर प्रदेश सरकार में एक वरिष्ठ अधिकारी का रिश्तेदार है। अब पुलिस ने जय बाजपेयी के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने रविवार को जय की रिवाल्वर, शस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट जब्त कर लिए। इसके साथ ही शस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट के रद्द करने की फाइल भी तैयार कर ली गई है। निरस्तीकरण के लिए दस्तावेज सोमवार को जिलाधिकारी को भेजे जाएंगे। आपराधिक मुकदमों के बावजूद जय का शस्त्र लाइसेंस बना था। उसके पास पासपोर्ट भी था और वह विदेश भी जाता था। तत्कालीन एएसपी कन्नौज केसी गोस्वामी ने सवाल दो साल पहले उसके खिलाफ रिपोर्ट तैयार की थी। लेकिन वह रिपोर्ट सवा दो साल से दबी हुई थी। मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस महकमे ने कार्रवाई का डंडा चलाना शुरू किया है। शस्त्र लाइसेंस और पासपोर्ट निरस्तीकरण के लिए एसएसपी ने शनिवार को बजरिया और नजीराबाद पुलिस को आदेशित किया था।