-महापौर व निगम के नेताओं के धरना-प्रदर्शन का दूसरा दिन
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है। दिल्ली के तीनों महापौर व नगर निगम के नेताओं का सीएम आवास पर धरना-प्रदर्शन जारी है। निगम के नेता दिल्ली सरकार से निगम के बकाया 13 हजार करोड़ रूपये की मांग कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को भी निगम के नेताओं से मुलाकात नहीं की थी।
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश, दक्षिणी दिल्ली की महापौर, अनामिका मिथिलेश और पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन तीनों निगम का बकाया 13000 करोड़ रूपय जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे थे। धरने के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोत और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष सतपाल सिंह, उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन योगेश वर्मा, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन नरेंद्र चावला, पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन प्रवेश शर्मा कई निगम पार्षद व बीजेपी नेता इस धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे। मंगलवार को सुबह-सवेरे फिर से निगम के नेताओं ने 13 हजार करोड़ रूपये की मांग शुरू कर दी है।
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उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली के तीनों महापौर ने निगमों के बकाया 13000 करोड़ रूपय की मांग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय मांगा था मगर वो महापौर से नहीं मिले। जिस के बाद हमें मजबूरन मुख्यमंत्री के आवास के बाहर धरने पर बैठना पडा। उन्होंने कहा कि इसे पहले भी दिल्ली के तीनों महापौरो ने मुख्यमंत्री से मिलने की काफी कोशिश की मगर वे नहीं मिले।
जय प्रकाश ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार आगामी निगम चुनाव को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की तीनों निगमों के साथ राजनीति कर रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा फंड जारी नहीं करने के कारण दिल्ली के सारे विकास कार्य रुक गए हैं व कर्मचारियों को वेतन देने में काफी समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि ये हमारे संवैधानिक अधिकार है और उसे हम लेकर रहेंगे।
महापौर जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अभी तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम का बीटीए का इस वर्ष का 425.06 करोड़ रू नही दिया है। उन्होंने दिल्ली सरकार से निगमों को बकाया 13000 करोड़ रू जिसमें से उत्तरी दिल्ली नगर निगम का 6500 करोड़ रू देने की मांग की ताकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने 55000 कर्मचारियों व 24000 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन व पेंशन दे सके।
उत्तरी दिल्ली के महापौर ने कहा कि निगम के कार्मचारी इस कोरोना महामारी में दिन-रात कार्य कर रहे हैं। यदि दिल्ली सरकार निगम का बकाया फंड दे दे तो कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में आसानी होगी व विकास के कार्यों को और बेहतर रूप से किया जा सकेगा। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री राजनीति कर रहे हैं और नगर निगमों के अधिकार का पैसा रोककर निगमों को लगातार पंगु बना रहे हैं।