-अभी तक बंद नहीं कराया गया कस्तूरबा अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर
-गिरिधर लाल हॉस्पिटल में दो स्वास्थ्यकर्मी निकले कोविड-19 पॉजिटिव
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पताल कभी भी कोरोना महामारी का केंद्र बन सकते हैं। एक ओर निगम स्वास्थ्यकर्मी लगातार कोरोना पॉजिटिव निकल रहे हैं और दूसरी ओर आला अधिकारी अब भी पदों की बंदरबांट में अटके हुए हैं। ताजा मामला नगर निगम के कस्तूरबा गांधी अस्पताल और गिरिधर लाल अस्पतालों का है। दोनों ही अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 पॉजिटिव पाए गये हैं। सिविक सेंटर से लेकर जोन के आलीशान कार्यालयों में बैठे निगम के आला अधिकारियों ने अब तक इन अस्पतालों में एहतियात के कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।
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ताजा मामला दरियागंज स्थित निगम के कस्तूरबा गांधी अस्पताल से सामने आया है। इस अस्पताल के तीन ऑपरेशन थियेटर टैक्नीशियन (ओटी टैक्नीशियन) कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। निगम अधिकारियों को इस बात की जानकारी बुधवार को ही मिल गई थी। इसके बावजूद अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर रोजाना की तरह काम कर रहे हैं।
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इन तीनों टैक्नीशियन के संपर्क में पिछले दिनों में अस्पताल के कई डॉक्टर्स व दूसरे स्टाफ के लोग आ चुके हैं। लेतिकन अभी तक उनके टैस्ट कराने या फिर ऑपरेशन थियेटर बंद करने जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों का कहना है कि तीन कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद ऑपरेशन थियेटर्स में भी संक्रमण का असर हो सकता है। इससे कई दूसरे स्वस्थ लोग भी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं।
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कोरोना संक्रमण से जूझ रहा निगम का दूसरा अस्पताल सिविक सेंटर के पास स्थित गिरिधर लाल है। यहां भी दो स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। लेकिन यहां के अधिकारियों ने संक्रमितों के संपर्क में आने वालों के मामले में कोई कदम नहीं उठाए हैं। केवल यही नहीं कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बावजूद आला अधिकारियों ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है।
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बता दें कि गिरिधर लाल अस्पताल की नर्सिंग हेड को बुखार की शिकायत हुई थी। साथ ही फार्मासिस्ट को भी इसी तरह की शिकायत हुई थी। दोनों ने 26 मई को कोरोना टैस्ट के लिए अपना सेंपल दिया था। दोनों के टैस्ट पॉजिटिव आने की जानकारी भी अस्पताल के अधिकारियों को 30 मई को हो गई थी। लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि निगम के ही हिंदूराव अस्पताल ने अब कोरोना टैस्ट के लिए बुधवार से सेंपल लेना बंद कर दिए हैं।
कोरोना से लड़ रहे कर्मचारी, मजे काट रहे अधिकारी
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स से लेकर बाकी कर्मचारी कोरोना के से लड़ने के लिए अपना जी-जान लगाए हुए हैं। लेकिन उन्हें नगर निगम के आला अधिकारियों का इसमें सहयोग नहीं मिल रहा। यदि आला अधिकारियों ने समय पर व्यवस्थाएं सुधारने पर ध्यान दिया होता तो हिंदूराव अस्पताल में कोरोना टैस्ट के सेंपल लेना बंद नहीं होता। कई अस्पतालों में कोविड-19 पॉजिटिव आने के बावजूद दूसरे लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।
अधिकारी नहीं दे रहे ध्यानः घनेंद्र
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता घनेंद्र भारद्वाज ने कहा कि अधिकारियों का ध्यान नगर निगम के काम-काज पर नहीं है। इसके चलते निगम के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता इन अधिकारियों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। निगम के कर्मचारियों को पहले ही तीन महीने से सेलरी नहीं मिली है, उसके ऊपर एक-एक करके सारी सेवाएं बंद होती जा रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी अपनी कुर्सियों से उठकर हालातों का जायजा लेकर व्यवस्थाएं कराने के लिए तैयार नहीं है।