किसान कानूनों पर ‘क्रैडिट की जंग’… हरसिमरत ने लगाया दादी-पोते पर खलिस्तानी बताने का आरोप

-पंजाबियों को खालिस्तानी बताती थीं दादी, पिता ने कराया नरसंहार…राहुल ढूंढें पहले इन सवालों के जवाबः कौर
-कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल में किसान मुद्दे को लेकर छिड़ी सियासी जंग

एसएस ब्यूरो/ चंडीगढ़
किसान आंदोलन को लेकर अब राजनीतिक दलों के बीच नयी सियासी जंग छिड़ गई है। आंदोलन का क्रैडिट लेने के लिए अब कांग्रेस नेतृत्व पर शिरोमणि अकाली दल ने निशाना साधा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को जब कृषि कानूनों के विरोध में सड़क पर उतरे तो अकाली दल नेता हरसिमरत कौर ने उनकी नीयत पर सवाल उठा दिये हैं। कृषि कानूनों के नाम पर ही केंद्र सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली हरसिमरत ने राहुल गांधी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।

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हरसिमरत कौर ने कांग्रेस के खिलाफ ‘खालिस्तान’ रूपी हथियार का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की दादी (इंदिरा गांधी) खुद पंजाब के लोगों को खालिस्तानी कहती थीं, ऐसे में राहुल गांधी को पहले इस सवाल का जवाब देना पड़ेगा। हरसिमरत कौर ने अपने ट्वीट के जरिये कहा कि ’पंजाबियों को खालिस्तानी कहने का विरोध करने के नाम पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने या आंसू बहाने से पहले राहुल गांधी को यह बताना होगा कि उनकी दादी पंजाबियों के लिए ऐसे ही शब्द का इस्तेमाल क्यों करती थीं? उनके पिता ने क्यों उनका नरसंहार कराया और आप ने क्यों उन्हें नशे का आदी बताया था? एक बार जब आप इस सवालों के जवाब ढूंढ लें, तभी पंजाब के किसानों के बारे में बात करें।’

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हरसिमरत कौर ने अपने एक और ट्वीट में लिखा कि ’राहुल गांधी तब कहां चले गए थे जब किसान पंजाब में धरना दे रहे थे। वो कहां थे, जब संसद में यह बिल पास कराए गए। राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस के 40 सांसद नदारद थे। उनके पंजाब के सीएम ने दिल्ली में बीजेपी की सरकार से हाथ मिला लिया है? क्या राहुल गांधी सोचते हैं कि उनके कथित संवेदना के आंसू उनके अपराध धो देंगे?’

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बता दें कि राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी लगातार कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना कर रही है। वहीं केंद्र सरकार के साथ अकाली दल के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहीं हरसिमरत कौर बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद छोड़ दिया था। हरसिमरत कौर बादल की पार्टी पंजाब से लेकर दिल्ली तक आंदोलन करने वाले किसानों के समर्थन की बात कह रही है। हालांकि इससे पहले हरसिमरत कौर अपने भाषणों में किसान कानूनों का समर्थन करती रही हैं। उनके भाषणों वह वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।