-सरकारी रिकॉर्ड में 226 कॉलोनियों में पाइपलाइन नहीं
-58 कालोनियों में पाइपलाइन तो है लेकिन नहीं है पानी
-टैंकर भी मुहैया नहीं करवा पा रहा दिल्ली जल बोर्ड
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
विश्व स्तर की राजधानी के दावों के बीच दिल्ली की आधी आबादी पानी के लिए तरस रही है। भीषण गर्मी के बीच लोगों के सामने पेयजल की किल्लत बनी हुई है। दिल्ली सरकार का दावा है कि हर परिवार को प्रति माह 20 हजार लीटर पानी निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। दूसरी ओर आधी दिल्ली में पीने के पानी की सप्लाई ही नहीं हो पा रही है। खुद दिल्ली सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 226 अनधिकृत कॉलोनियों में पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति नहीं होती। इससे भी हैरत की बात यह है कि 58 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाए जाने के बाद भी पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से इन कॉलोनियों के लोग पेयजल के लिए टैंकर पर निर्भर हैं।
यह भी पढ़ेंः- हर्षवर्धन को भारी पड़ी दिल्ली वालों से बेरूखी!… रिजल्ट देने में नाकाम, चली गई कुर्सी
एक अंतरर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा विश्व में पेयजल संकट को लेकर कराये गये सर्वे के मुताबिक भारत की राजधानी दिल्ली विश्व का ऐसा दूसरा बड़ा शहर है जहां पेयजल की समस्या सबसे ज्यादा है। इस मामले में पहले स्थान पर जापान की राजधानी टोक्यो और तीसरे स्थान पर उत्तरी अमेरिका का मेक्सिको शहर है। चाइना के शंघाई और बीजिंग शहर भी इसी श्रेणी में आते हैं। वहीं भारत के चेन्नै, बेंगलुरू और हैदराबाद शहर भी पानी की भीषण परेशानी वाले शहरों में गिने जाते हैं। यह अध्ययन साल 2014 में कराया गया था। तब से लेकर अब तक राजधानी के हालात जस के तस बने हुए हैं। ऐसे में अवैध पानी माफिया को ही बढ़ावा मिल रहा है।
यह भी पढ़ेंः- बच्चों के मिड-डे मील पर फंसी बीजेपी… एक साल से नहीं मिला मिड डे मील… निगम के साथ प्रदेश नेतृत्व पर सवालिया निशान!
खुद दिल्ली सरकार के आंकड़े यह भी बताते हैं कि ज्यादातर अनधिकृत कालोनियों में दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। खास तौर पर इस मामले में उन आठ विधानसभा क्षेत्रों की हालत तो और भी जहां से भारतीय जनता पार्टी के विधायक चुनकर आये हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो इस समय दिल्ली में प्रतिदिन करीब 1,140 एमजीडी पानी की जरूरत होती है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड 935 एमजीडी पानी का ही उत्पादन करता है। बीते करीब दो वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है। इसकी वजह से दिल्ली में करीब रोजाना के लिहाज से 205 एमजीडी पानी की कमी बनी हुई है। पेयजल की सबसे ज्यादा परेशानी 1799 अनधिकृत कॉलोनियों में ही है।
यह भी पढ़ेंः- दिल्ली बीजेपी में जिला अध्यक्षों के सिर फूटेगा नाकामी का ठीकरा!
केजरीवाल सरकार के आंकड़ों पर एक नजर डालें तो दिल्ली जल बोर्ड ने 1,631 कॉलोनियों में पानी की पाइपलाइन डाल दी है। लेकिन पानी की कमी के कारण अभी 1,573 कॉलोनियों में ही पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है। इनमें से भी कई कॉलोनियों में एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति होती है। दिल्ली जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 115 कॉलोनियां वन विभाग व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की जमीन पर बसी हुई हैं। इन कालोनियों को छोड़कर बाकी अन्य कॉलोनियों में अगले दो साल में पाइपलाइन से हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी।
यह भी पढ़ेंः- बीजेपीः प्रमोशन के बजाय डिमोशन की कहानी… गिने चुनों पर फिर से मेहरबानी!
सरकार पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों के जरिये भी नहीं कर पा रही है। वर्ष 2019 में दिल्ली जल बोर्ड के पास पेयजल आपूर्ति के लिए 1,034 टैंकर थे। अब यह संख्या बढ़कर 1,095 हो गई है, जिसमें से 248 टैंकर विभाग के हैं। बाकी 847 टैंकर अनुबंध व किराये पर हैं। टैंकर से पानी की आपूर्ति के लिए दिल्ली में 8,571 प्वाइंट बनाए गये हैं। वर्ष 2019 में ऐसे 10,865 प्वाइंट थे। यानी कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने के बाजवूद पानी की सप्लाई के प्वाइंट्स में 2308 की कमी आई है। सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि जल बोर्ड के द्वारा मांग के अनुसार पीने के पानी का उत्पादन नहीं किये जाने की वजह से लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
खरीदकर पीने के लिए मजबूर हैं अनियमित कालोनियों के लोग
दिल्ली में करीब 1800 अनियमित कालोनियां हैं। वास्तविकता में दिल्ली जल बोर्ड इनमें से आधी कालोनियों में ही पीने का पानी पहुंचा पाया है। सरकारी आंकड़े कुछ भी कहें लेकिन, ज्यादातर अनियमित कालोनियों के लोग खरीदकर पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इनमें से बहुत सकी कालोनियों में कई साल पहले पानी की पाइप लाइनें तो डाल दी गईं लेकिन वर्तमान में यह पाइप लाइनें जाम पड़ी हुई हैं। इसके चलते लोगों के घर तक पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में इन कालोनियों में पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है।
अवैध पानी माफिया को मिल रहा बढ़ावा
पीने के पानी की मांग बढ़ने की वजह से दिल्ली में एक बार फिर से अवैध पानी माफिया को बढ़ावा मिल रहा है। ज्यादातर अनियिमित कालोनियों में पीने के पानी का अवैध दोहन हो रहा है। इन कालोनियों में करीब करीब हर मोहल्ले में अवैध बोरिंग और आरओ लगाकर पानी की सप्लाई की जा रही है। जिसे 20 रूपये बोतल से 50 रूपये बोतल तक में बेचा जा रहा है। केवल इतना ही नहीं दिल्ली के सभी बाजारों में अवैध रूप से पानी के 10 से 15 लीटर के वॉटर जग दुकानों पर लाखों की संख्या में सप्लाई किये जाते हैं।
सालाना ढाई हजार करोड़ का है पानी का अवैध कारोबार
एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में रोजाना 10 करोड़ रूपये से ज्यादा का पानी का अवैध करोबार किया जाता है। यानी कि हर महीने 300 करोड़ रूपये और सालाना करीब ढाई हजार करोड़ रूपये अवैध पानी माफिया की जेब में जाता है। यदि दिल्ली सरकार हर घर में दिल्ली जल बोर्ड का पानी पहुंचा दे तो लोगों की जेब पर पड़ने वाला यह ढाई हजार करोड़ रूपये का बोझ उतर सकता है। केवल यही नहीं पानी के बिल के रूप में सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति हो सकती है। सरकार ने दावा तो किया है कि अगले दो वर्षों में हर घर तक पीने के पानी की पाइप लाइन पहुंच जायेगी। लेकिन अब देखना यह होगा कि सरकार का यह दावा समय से पूरा हो पाता है या फिर केवल एक वादा ही बनकर रह जायेगा।