निगम के प्रसूति अस्पतालों में एमरजेंसी सेवाएं ठप… डॉक्टर्स की हड़ताल जारी… नहीं भर्ती हो रहे मरीज

-उत्तरी नगर निगम के कस्तूबा गांधी अस्पताल का हाल… मरीजों से खाली अस्पताल
-गिरधर लाल अस्पताल भी हुआ अस्त-व्यस्त, नहीं हो रहा गर्भवती महिलाओं का प्रसव

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा बदतर हालत में पहुंच गया है। इससे भी ज्यादा हालत यहां के अस्पतालों की खराब हो गई है। बीते तीन महीनों से सेलरी नहीं मिलने की वजह से रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। इसकी वजह से यहां एमरजेंसी सेवाएं भी ठप हो गई हैं। निगम के दो बड़े अस्पताल लगभग खाली हो गए हैं।

बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम छह बड़ें अस्पतालों के साथ कई मध्यम दर्जे और करीब चार दर्जन दवाखानों का संचालन करता है। इनमें से कस्तूरबा गांधी और गिरिधर लाल अस्पताल दो बड़े प्रसूति अस्पताल हैं। लेकिन तीन महीने सेलरी नहीं मिलने की वजह से इन अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते बीते करीब 10 दिनों से इन अस्पतालों में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं की भर्ती नहीं की जा रही है।

जामा मस्जिद के पास स्थित कस्तूरबा गांधी अस्पताल मरीजों की भर्ती और आपातकालीन सेवाएं बंद होने की वजह से लगभग पूरी तरह से खाली हो गया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पहले सोमवार 19 अक्टूबर तक की हड़ताल का ऐलान किया था। इसी दौरान उन्होंने काम बंद कर दिया था और नए मरीजों की भर्ती भी बंद कर दी थी। अब हालात यह हैं कि कस्तूरबा गांधी अस्पताल पूरी तरह से खाली हो चुका है।
भर्ती नहीं होने से सड़क पर ही नवजात की मौत
मरीजों की भर्ती बंद होने की वजह से कस्तूरबा अस्पताल के बाहर ही एक महिला ने अभी तीन-चार दिन पहले बच्चे को जन्म दे दिया था। इलाज और देखभाल नहीं मिल पाने की वजह से बच्चे की तुरंत मौत हो गई थी। इसको लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम में विपक्ष ने भी सवाल उठाए हैं।
सेलरी मिलने पर भी नहीं शुरू हुआ काम
बता दें कि हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पिछले सप्ताह महापौर जय प्रकाश से मुलाकात की थी। महापौर ने एक महीने की सेलरी तुरंत जारी करने के आदेश निगम अधिकारियों को दे दिये थे। लेकिन एक महीने की सेलरी मिलने और समझौता हो जाने के बावजूद भी रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दोबारा काम शुरू नहीं किया है।
दिल्ली सरकार को दे दें स्वास्थ्य सेवाएंः विकास गोयल
आम आदमी पार्टी के नेता और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा है कि नगर निगम के अस्पतालों की हालत बेहद दयनीय हो गई है। अस्पतालों में मरीज भर्ती नहीं किये जा रहे हैं। दिल्ली की गरीब जनता के लिए निगम के अस्पताल ही सहारा हैं। खास बात है कि लोक नायक अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। इसके चलते कस्तूरबा और गिरिधर लाल अस्पतालों पर मरीजों का भार बढ़ गया है। लेकिन यह अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे। क्योंकि डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ऐसे में महापौर से मेरा निवेदन है कि यदि वह नहीं चला पा रहे हैं तो निगम की स्वास्थ्य सेवाओं को दिल्ली सरकार को दे दें।
जल्दी होगा समस्या का समाधान: महापौर जय प्रकाश
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा है कि जल्दी ही समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था में लगे हैं, जल्दी ही कर्मचारियों की सेलरी जारी कर दी जाएगी। हम एक-एक कर कर्मचारियों को सेलरी का भुगतान कर रहे हैं। निगम के 55 हजार कर्मचारी हैं और करीब 22 हजार पेंशन धारक हैं। जल्दी ही अस्पतालों में सेवाएं बहाल हो जाएंगी।