EAST DELHI: ‘महापौर को कुछ मालूम नहीं, स्टेंडिंग चेयरमैन फोन नहीं उठाते’, ऐसे चल रहा ‘सेवा ही संगठन’

-सोशल मीडिया के लिए फोटो खिंचवाने तक सीमित रहा इलाकों का सैनिटाइजेशन
-एकमात्र कोविड हॉस्पिटल में 10 बजे से पहले ही बंद हो जाते हैं कोविड टैस्ट
-दोनों महापौर पद के दावेदार लेकिन जनता की समस्याओं में नहीं मददगार

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ पूर्वी दिल्ली
राजधानी दिल्ली में जैसे-जैसे कोरोना (Corona) का प्रकोप घटता जा रहा है, वैसे-वैसे दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) का जोश बढ़ता जा रहा है। कोरोना के पीक के समय जो बीजेपी नेता अपने पूर्व विधायक (Ex MLA) , वर्तमान एवं पूर्व निगम पार्षदों (Ex Corporator) और अपने ही पूर्व मंडल अध्यक्षों को मदद करने के बजाय मुंह छिपाकर बैठ गये थे। पार्टी के वही नेता आजकल अलग अलग अस्पतालों में जाकर खाना बांटते हुए अपने फोटो सोशल मीडिया पर चमकाते नजर आ रहे हैं। इतने सारे दावों के बावजूद पार्टी के नेताओं की हालत केवल दिखावे तक सीमित है।

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ताजा मामला पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शीर्ष पदों पर बैठे दिल्ली बीजेपी के नेताओं से जुड़ा है। ‘सेवा ही संगठन’ के नाम पर मीडिया और सोशल मीडिया में प्रचार के अलग अलग तरीके अपनाने वाले इन नेताओं का काम अब भी जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा बनाया गया एकमात्र कोविड अस्पताल भी अव्यवस्थाओं की चपेट में है। इस अस्पताल के 75 बैड (एमरजेंसी के 15 बेड भी शामिल) कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित किये गए थे। लेकिन जनता के प्रति उदासीनता का आलम यह है कि महापौर निर्मल जैन को यह नहीं मालूम कि यहां कितने मरीजों का इलाज चल रहा है और कितने बेड खाली हैं। खास बात है कि अस्पताल में भी यह बात कहीं नहीं लिखी गई है कि यहां कोरोना के कितने बेड खाली हैं।

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इस बारे में जब महापौर निर्मल जैन से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि अभी यह जानकारी देना संभव नहीं है। जबकि लोगों की शिकायत है कि यहां कोरोना टेस्ट करना तो 10 बजे से पहले ही बंद कर दिये जाते हैं। गुरूवार को भोलानाथ नगर शाहदरा से आए विपिन ने बताया कि उन्हें कोरोना का टेस्ट कराना था, लेकिन पौने 10 बजे ही कह दिया गया कि मरीज नहीं थे, इसलिए टैस्टिंग बंद कर दी गई है। दिलशाद गार्डन में रहने वाले अनीस और यमुना विहार से आये संजय सिंह ने कहा कि कम से कम टैस्टिंग का काम तो पूरे दिन चलना चाहिए। दिल्ली की आम आदमी पार्टी पर कोरोना को लेकर सवाल उठाने वाली बीजेपी के साशन वाले इस अस्पताल में के संबंध में खुद पार्टी के ही नेताओं को कोई जानकारी नहीं है और नाही व्यवस्थाओं को लेकर इन नेताओं में कोई चिंता है।

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लोगों की जबरदस्त शिकायत स्थायी समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह को लेकर भी है। आम शिकायत है कि या तो नेताजी का फोन मिलता नहीं है और यदि मिल भी जाये तो वह उठाते नहीं हैं। पूरे उत्तरी दिल्ली इलाके में सैनेटाइजेशन का काम केवल सोशल मीडिया पर डालने के लिए फोटो खिंचवाने तक सीमित रह गया है। पश्चिमी करावल नगर में रहने वाले नितिन ने कहा कि कोरोना की बीमारी के तीन महीने बीत गए लेकिन इलाके में सैनेटाइजेशन का काम कहीं नहीं दिखा। अंकुर एन्क्लेव में रहने वाले दलवीर ने कहा कि न तो सैनेटाइजेशन हुआ है और ना ही पूरी महामारी के दौरान निगम पार्षद कहीं दिखाई दिये हैं। प्रकाश विहार में रहने वाले ओमबीर सिंह ने कहा कि लोग महामारी से जूझते रहे लेकिन निगम पार्षद कहीं नजर नहीं आये। मुकंद विहार में रहने वाले सन्नी का कहना है कि सोशल मीडिया पर तो बीजेपी नेताओं के फोटो नजर आते हैं, लेकिन इलाके में यह लोग कहीं नजर नहीं आते।
दोनों ही महापौर पद के दावेदार
बताया जा रहा है कि वर्तमान महापौर निर्मल जैन एक बार फिर से महापौर पद के लिए दावेदारी में जुटे हैं। दूसरी ओर पश्चिमी करावल नगर वार्ड से निगम पार्षद सत्यपाल सिंह फिलहाल स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं और वह भी महापौर पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। बता दें कि सत्यपाल सिंह को बीजेपी ने दूसरी बार स्थायी समिति अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी सोंपी थी। लेकिन इस बार वह न तो इलाके में नजर आए हैं और नाही जनता से जुड़ी सेवाओं के साथ जुड़े नजर आ रहे हैं।