पूर्वी दिल्ली नगर निगमः अफसरों ने कर डाला अंबेडकर स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स के कांट्रैक्ट में घपला!

-जारी है अफसरों की मनमानी… प्रदेश बीजेपी नेतृत्व नकेल कस पाने में नाकाम
-55 हजार में दे दिया 76 हजार रूपये की कमाई वाला स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स का ठेका

एसएस ब्यूरो/ पूर्वी दिल्ली
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स का ठेका दिये जाने में भारी भ्रष्टाचार और धांधली का मामला सामने आया है। आरोप है कि पहले एक कंपनी इसके लिए नगर निगम को 76 हजार 100 रूपये प्रतिमाह का भुगतान कर रही थी। लेकिन अधिकारियों ने टेंडरिंक का खेल करके दूसरी कंपनी को 55 हजार 750 रूपये प्रति माह में दे दिया है। यह स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में स्थित है।

यह भी पढ़ेंः दक्षिणी दिल्ली निगम में संजय सहाय नहीं, राधाकृष्ण हैं ‘प्रेस एवं सूचना विभाग के निदेशक’!

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में गुरूवार को यह मामला लाया गया। हालांकि इस दौरान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर खेल परिसर के प्रचालन तथा रखरखाव का दायित्व देने में भारी धांधली व निगम को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाते हुए उससे संबंधित प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। बैठक में इस मुद्दे को उठाते हुए नेता सदन सतपाल सिंह ने कहा कि निगम में अधिकारियों के हौसले कितने बुलंद हो गए हैं इसका उदाहरण त्रिलोकपुरी स्थित भीमराव अंबेडकर खेल परिसर का है। जिसमें अधिकारियों ने इस मामले में लगातार टेंडरों का खेल किया, इसमें जो कंपनी इसके लिए निगम को 76100 रूपये प्रति माह दे रही थी उसे दरकिनार कर 55750 रूपये माह के हिसाब से दूसरी कंपनी को दे दिया। सतपाल सिंह ने कहा कि यह अपने आप में एक बड़ा भ्रष्टाचार है।

यह भी पढ़ेंः नरेला अनाज मंडीः शैड के नाम पर…. नगर निगम की 500 करोड़ की संपत्ति दांव पर!

सतपाल सिंह ने इस मामले में सीबीआई जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कराने की मांग की। आम आदमी पार्टी की पार्षद मोहनी जीनवाल ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि ये भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है। इससे हम भी सहमत हैं और इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक बने महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल के वार्ड में अधिकारियों ने खुद 60 से ज्यादा संपत्तियों की सील नंबर दो में खोल दी गई है। उन्होंने इसकी सूची भी अधिकारियों को दी। इस मामले में पूर्व महापौर बिपिन बिहारी ने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल विभाग में सेवानिवृत्त हुए एसएम खान को निगम ने अनुबंध पर लगा लिया था, लेकिन जब पता चला कि तकनीकी रूप से यह सही नहीं है तो उन्हें वहां से हटा दिया गया। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि 1 माह बाद एसएम खान को फिर वहीं लगा दिया गया है, जो कि अपने में भ्रष्टाचार का जीता जागता बड़ा उदाहरण है।

यह भी पढ़ेंः NORTH DMC: पक्के होंगे सफाई कर्मचारी… 500 की सूची तैयार… पहले चरण में 200 कर्मियों को मिलेंगे नियुक्ति पत्र

बिपिन बिहारी ने मांग की कि खान को तत्काल वहां से हटाए जाएं। निगम के हालात क्या हो गए हैं यह इस बात से पता चलता है कि उनके इलाके में एक मंदिर को भी अधिकारियों ने नोटिस जारी कर दिया। आश्चर्य की बात है कि मंदिर को नगर निगम से लाइसेंस बनवाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा ऐसे मामलों में सख्ती बरती जानी चाहिए। स्थाई समिति के उपाध्यक्ष दीपक मल्होत्रा ने अधिकारियों की शह से चल रहे पार्किंग माफिया व अवैध यूनिकपोल का मामला उठाते हुए कहा कि इस मामले में कमेटी गठित की जाए जिससे कि इन मामलों में चल रहा भ्रष्टाचार उजागर हो सके।