हड़ताल पर अड़े डॉक्टर्स… बिगड़ सकते हैं निगम के अस्पतालों के हालात… नये मरीजों की भर्ती बंद!

-22 मार्च से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर अड़े सीनियर डॉक्टर्स
-19 मार्च को ‘मास लीव’ लेकर नहीं किये चिकित्सकीय कार्य
-महापौर ने कर्मियों से की हड़ताल पर नहीं जाने की अपील

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) के सीनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर जाने पर अड़ गये हैं। उन्होंने 22 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Indefinite Strike) पर जाने की घोषणा कर दी है। इसके बाद नगर निगम के अस्पतालों के हालात बिगड़ने की आशंक बढ़ गई है। निगम के कई अस्पतालों में शुक्रवार से ही नये मरीजों की भर्ती बंद कर दी गई है। निगम के विभिन्न अस्पतालों की रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों ने वरिष्ठ डॉक्टर्स की हड़ताल का समर्थन किया है और इस आंदोलन में शामिल हैं। हालांकि उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश (Mayor Jai Prakash) ने सभी कर्मचारी संगठनों और डॉक्टर्स से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की है।

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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के विभिन्न अस्पतालों, डिस्पेंसरीज और क्लीनिक्स में कार्यरत सीनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार को ‘मॉस लीव’ (सामूहिक अवकास) लेकर कामकाज बंद करने के साथ ही अपने आंदालेन की शुरूआत कर दी थी। इसके चलते निगम के ज्यादातर अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं लगभग ठप हो गई हैं। बीच में शनिवार और रविवार को भी नाम मात्र के लिए कामकाज के बाद सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी।

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म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन डॉक्टर्स एसोसिएशन (MCDA) ने एक सप्ताह पहले ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों और नेताओं को हड़ताल की चेतावनी दे दी थी। एमसीडीए के अध्यक्ष डॉक्टर आरआर गौतम, महासचिव डॉक्टर मारूति सिन्हा और कोषाध्यक्ष डॉक्टर धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि बीते साढ़े चार महीनों से निगम के वरिष्ठ डॉक्टर्स को वेतन नहीं दिया गया है। जिसकी वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। निगम के वरिष्ठ अधिकारी इन डॉक्टर्स के हालातों पर कोई साकारात्मक रूख नहीं अपना रहे हैं।
वेतन नहीं तो काम नहीं: MCDA
एमसीडीए के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले लंबे समय से निगम की आर्थिक स्थिति को देखते हुए डॉक्टर्स अपना सहयोग करते आ रहे हैं। बार-बार डॉक्टर्स को उनका वेतन समय पर दिये जाने का आश्वासन दिया जाता रहा है। लेकिन चार से पांच महीनों का अंतर चला आ रहा है। अब एसोसिएशन की आपात बैठक में सभी डॉक्टर्स ने निर्णय लिया है कि जब तक पूरा वेतन जारी नहीं किया जायेगा, तब तक सभी डॉक्टर्स हड़ताल पर रहेंगे और चिकित्सा संबंधी कोई काम नहीं किया जायेगा। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि बार-बार डॉक्टर्स को अलग अलग खेमों में बांटने की कोशिश की जा रही है। एक बार किसी श्रेणी के डॉक्टर्स का वेतन दे दिया जाता है तो दूसरी बार दूसरी श्रेणी के डॉक्टर्स का वेतन दे दिया जाता है। इस बार भी केवल अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर्स को एक माह के वेतन की बात कही गई, जबकि अस्पतालों से अलग डिस्पेंसरीज और क्लीनिक में कार्यरत डॉक्टस की सेलरी पर ध्यान ही नहीं दिया गया।
जल्दी ही जारी होगा एक माह का और वेतनः महापौर
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने एक बयान में कहा है कि निगम के अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर्स या किसी अन्य कर्मचारी को हड़ताल पर जाने की जरूरत नहीं है। डॉक्टर्स का एक माह का वेतन पिछले सप्ताह ही जारी किया गया है और जल्दी ही एक माह का वेतन और जारी कर दिया जाएगा। निगम प्रशासन व्यवस्था में जुटा हुआ है और वेतन की समस्या को जल्दी ही ठीक कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बार-बार हड़ताल पर जाने से इसका औचित्य ही खत्म हो जाता है। हम गंभीरता के साथ डॉक्टर्स की समस्याओं को ले रहे हैं, और जल्दी ही समाधान निकाल लेंगे।