-विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने दिया मदद का आश्वासन
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में जन्माष्टमी पर कन्हैया का जन्मदिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाने के लिए मंदिरों को खोलने की मांग तेज होती जा रही है। अखिल भारतीय अर्चक महासंघ सहित विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठन और मंदिर प्रशासन से जुड़े लोग बीते एक महीने से इस मुहिम में लगे हुई है। गुरूवार 26 अगस्त को इन्हीं संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों ने दिल्ली में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से मुलाकात कर मंदिरों को खोले जाने और इसके लिए गाइडलाइंस तैयार करने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने भी उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया।
यह भी पढ़ेंः- बीजेपी में घमासानः “दलित संगठन मंत्री ने नहीं बनने दी ‘वाल्मीकि व्यायामशाला’”!
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे लोगों में इंद्रप्रस्थ संजीवनी के संजीव अरोड़ा, बिड़ला मंदिर से जुड़े अखिल भारतीय अर्चक महासंघ के संस्थापक महामंत्री आचार्य रामगोपाल शुक्ल, 108 फुट मंदिर के ओमप्रकाश गिरी शामिल रहे। स्वयं को हिंदू आस्था से जुड़ा हुआ बताते हुए रामनिवास गोयल ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि इसका निर्णय एलजी साहब करेंगे। लेकिन हम उन तक संस्था की आवाज पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी शनिवार को डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी की बैठक होने जा रही है। हमारी कोशिश होगी कि उस मीटिंग में इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार हो।
राजधानी के बिड़ला मंदिर से जुड़े आचार्य रामगोपाल शुक्ल ने कहा कि यह समझ से परे है कि केवल मंदिर ही कोरोना का स्रोत हैं? और सरकार के अनुसार यदि ऐसा है भी तो शर्तों के साथ मंदिर खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। ये तो ठीक बात नहीं कि शराब के ठेके खुल जाएं और मंदिर नहीं। उन्होंने कहा कि बाजार, मॉल्स और सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले सभी स्थान खुल चुके हैं, फिर मंदिरों को खोलेन जाने में देरी नहीं की जानी चाहिए। केजरीवाल सरकार तुरंत मंदिरों को खोले जाने की घोषणा करे, ताकि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जा सके।
108 फुट मंदिर के ओमप्रकाश गिरी ने कहा कि ये आस्था का सवाल है। हमने पूरा सावन बिना मंदिरों में पूजा के गुजार दिया, लेकिन ये कन्हैया का जन्मदिवस है। एक दिन की बात है। भीड़ यदि होगी तो एक दिन की होगी। इसलिए कोरोना के नाम पर मंदिरों को नहीं खोलने की बात बेतुकी है। संबंधित संस्थान को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
दूसरी ओर कालिकापीठाधीश्वर महंत सुरेन्द्रनाथ अवधूत ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि राजधानी के मंदिरों को तुरंत खोले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सभी मंदिर प्रशासन के लोग अपने यहां व्यवस्था बनाने में सक्षम हैं। हम पूरा भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सरकार द्वारा जारी सभी गाइडलाइंस के पालन के हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सब कुछ खुल गया लेकिन देवालयों के पट बंद हैं, यह अन्याय है। करोड़ों हिंदुओं और सनातन धर्म प्रेमियों की मांग है कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव से पहले मंदिरों के कपाट खोले जाने के आदेश जारी किये जाने चाहिए।
राजधानी के बिरला मंदिर के प्रशासक विनोद मिश्र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंदिर खोले जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी तरह के कार्य हो रहे हैं। राजनीतिक, सामाजिक और अन्य प्रकार के सभी आयोजन किये जा रहे हैं। सिनेमा हॉल्स से लेकर थोक और खुदरा बाजार खुले हुए हैं। रेस्टोरेंट, ढाबे, मेट्रो रेल, बस अड्डे तक सभी खुले हैं। लेकिन दिल्ली में केवल एक धर्म के लोगों के धार्मिक आयोजनों पर रोक है। यह सनातन धर्म प्रेमियों और हिंदू संस्कृति के साथ अन्याय है। सरकार को ऐहतियातन गाइडलाइंस जारी की जानी चाहिए। ताकि लोगों को कोरोना जैसी महामारी से बचाया जा सके। लेकिन लोगों को धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने से रोका नहीं जाना चाहिए। अतः हमारी मांग है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पूर्व दिल्ली के सभी मंदिरों को तुरंत खोलने की अनुमति जारी की जाये।