DELHI ROITS: मौत के सौदागरों ने कोड वर्ड्स से दहलाई थी दिल्ली

-ईद पर नैनीताल चलो का मतलब था रोड ब्लॉक करना 
-प्रोटेस्ट व रोड ब्लॉक के साथ दंगों की रची थी साजिश

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
फरवरी महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच में सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि ‘मौत के सौदागरों’ ने पूरी साजिश को कुछ कोड वर्ड्स के आधार पर अंजाम दिया था। रोड ब्लॉक करने से लेकर घरों की छतों पर पत्थर, पेट्रोल बम तैयार रखने के लिए कोड वर्ड्स बनाए गए थे। साजिशकर्ताओं ने संबंधित लोगों को पहले ही इन कोड वर्ड के बारे में जानकारी दे दी थी।

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दिल्ली पुलिस की जांच में अहम खुलासा हुआ है कि मौत के सौदागरों ने दंगों का दिन निश्चित करने लिए भी कोड वर्ड की भाषा में बात कर रहे थे। यह बात भी सामने आई है कि साजिशकर्ता एक-दूसरे से व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए बात बातचीत कर रहे थे। एक-दूसरे को व्हाट्सएप के जरिए ही मैसेज का आदान-प्रदान किया जा रहा था।

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दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जांच में पता चला है कि दंगाईयों का पहला कोड वर्ड था- ‘ईद पर नैनीताल चलो’, इसका मतलब होता था कि रोड ब्लॉक करना है। दूसरा कोड वर्ड ’चांद रात’ था। इसका मतलब होता था कि चक्का जाम से पहले की रात। जांच रिपोर्ट से यक बात भी सामने आई है कि पूरा दिल्ली दंगा प्रोटेस्ट, इसके बाद रोड ब्लॉक और इसके बाद दंगा भड़काने पर आधारित था।

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बता दें कि दिल्ली हिंसा मामले में आम आदमी पार्टी से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस के सामने दंगों का मास्टरमाइंड होने की बात कबूली है। रिपोर्ट के मुताबिक उसने यह बात भी स्वीकार की है कि वह खुद भी दंगे भड़काने, गोलियां चलाने और इससे पहले दंगों की तैयारी में शामिल था। ताहिर ने इसमें अन्य प्रमुख दो लोगों के नाम भी लिये हैं।