DELHI RIOTS: उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल

-आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म-जाति-भाषा के नाम पर दंगे कराने का आरोप

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में इसी साल फरवरी महीने में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने के ’’षड्यंत्र’’ से संबंधित मामले में रविवार को जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और छात्र शरजील इमाम के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस ने खालिद और इमाम के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधयां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ राव के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया।

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दोनों आरोपियों पर, दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर लोगों में शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। इन अपराधों के तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के विरोध के नाम पर हुई हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 300 लोग घायल हो गए थे।

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पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दोनों पूर्व छात्रों उमर खालिद व शरजील इमाम के साथ फैजान खान को दंगे की साजिश रचने और जानबूझकर लोगों को भड़काने का आरोपी बनाया है। इन दोनों को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे की साजिश और यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले शुक्रवार को अदालत ने दोनों की न्यायिक हिरासत को 23 नवंबर तक बढ़ा दिया था।

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पुलिस ने अदालत में दावा किया कि दंगों की साजिश रचने और साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में इन दोनों आरोपियों की अहम भूमिका थी। पुलिस का आरोप है कि दंगे की साजिश पहले से ही तैयार थी और दंगे को योजनाबद्ध तरीके से भड़काने के लिए उमर खालिद ने समुदाय विशेष के लोगों को भड़काऊ भाषण दिए। इस साजिश में शरजील इमाम भी शामिल था और उसने दंगे को भड़काने के लिए लोगों को उकसाया। पुलिस का आरोप है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान दंगों की योजना बनाकर विश्वस्तर पर यह संदेश पहुंचाने की मंशा थी कि भारत में समुदाय विशेष के लोगों पर अत्याचार किए जाते हैं।