दिल्ली दंगा : ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज… कोठरी में उमर खालिद परेशान!

-कोर्ट ने कहाः खालिद पर दंगे की साजिश का आरोप, नहीं दे सकते जमानत
-खालिद बोलाः मुझे एकांत- कोठरी से नहीं निकलने देते जेल अधिकारी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली दंगों से संबंधित तीन अलग-अलग मामलों में आम आदमी पार्टी के पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को कड़कडूमा अदालत ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा है कि ताहिर पर दंगे की साजिश का आरोप है और वह उसी इलाके में रहता है जहां दंगों का सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है। ऐसे में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती। दूसरी ओर तिहाड़ जेल में बंद दंगों के एक और आरोपी उमर खालिद ने जेल अधिकारियों पर उसे एकांत कोठरी में बंद कर देने और किसी से भी मिलने नहीं देने का आरोप लगाया है।

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इससे पहले बीते शनिवार को प्रवर्तन निदे़शालय (ईडी) ने कड़कड़डूमा अदालत में ताहिर हुसैन के खिलाफ अदालत में धनशोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने इस आरोपपत्र में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया था। ईडी ने आरोप पत्र में कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपयों में दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई थी।

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अदालत में पेश किये गये आरोप पत्र में कहा गया है कि दंगों की तैयारी जनवरी में ही कर ली गई थी और इस रकम को दंगों के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार व चाकू आदि खरीदने में लगाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र में यह दावा भी किया है कि इस मामले में ताहिर हुसैन का साथ अमित गुप्ता नामक व्यक्ति ने दिया था। जिसके नाम पर शैल कंपनी खोली गई और धन को इसमें स्थानान्तरित किया गया। ताहिर हुसैन की इस साजिश के कारण ही फरवरी में भड़के दंगों में 53 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जबकि दो सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
खालिद बोलाः मुझे कोठरी से बाहर नहीं निकलने देते
दिल्ली दंगों के एक और प्रमुख आरोपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने गुरुवार 22 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि उसे जेल में अपनी कोठरी से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है। बता दें कि फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में उमर को  कठोर गैरकानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

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अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वह शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान उपस्थित रहें। न्यायाधीश ने जेल अधिकारी से कहा कि अगर विचाराधीन कुछ कहना चाहता है तो उसके माइक को चालू कर दीजिए और उसे बोलने दीजिए या आप बताएं कि वह कुछ कहना चाहता है। न्यायाधीश की अनुमति मिलने पर खालिद ने कहा कि  मुझे कोठरी से निकलने की बिल्कुल अनुमति नहीं दी जाती है। मैं अपनी कोठरी में अकेला हूं। किसी को भी मुझसे मिलने की अनुमति नहीं दी जाती।

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गौरतलब है कि अदालत ने 17 अक्टूबर को तिहाड़ जेल के अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वह न्यायिक हिरासत में बंद उमर खालिद को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराएं। अदालत ने यह निर्देश खालिद के आवेदन पर दिया था जिसमें उसने कहा था कि उसे जेल में उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके।