दिल्लीः पांच वार्डों के चुनाव में सियासी दलों ने झोंकी पूरी ताकत

-निगम उपचुनाव में मुख्यमंत्री, मंत्री, पूर्व मंत्री और सांसदों का जमावड़ा
-आप, बीजेपी और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बना निगम उपचुनाव
-आप के साथ 1 सीट पर कांग्रेस व तीन सीटों पर बीजेपी मुकाबले में
-रोहिणी-सी सीट पर आप-बीजेपी-बसपा व कांग्रेस के बीच टक्कर

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली में दो नगर निगमों के पांच वार्डों में हो रहे निगम उपचुनाव में दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। आम आदमी पार्टी की ओर से जहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर उनके सभी मंत्री, विधायकों, पार्षदों व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने चुनावी वार्डों में डेरा जमा रखा है। वहीं बीजेपी के सांसदों, विधायकों, निगम पार्षदों, पूर्व विधायकों, पूर्व निगम पार्षदों के साथ पूरी की पूरी पार्टी ने इन वार्डों को अपना डेरा बना लिया है।

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कांग्रेस की ओर से बड़े स्तर पर लामबंदी की गई है। पांचों वार्ड में प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के साथ उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के कुछ पूर्व मंत्रियों व नेताओं के साथ ही दिल्ली के करीब करीब सभी पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधायकों व निगम पार्षदों को चुनाव प्रचार में झोंका गया है। सूत्रों की मानें तो निगम उपचुनाव पर तीनों ही दलों की ओर से पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि तीनों दलों को अपनी मेहनत का कितना फल मिल पाता है।

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उत्तरी दिल्ली की रोहिणी-सी व पीतमपुरा नॉर्थ और पूर्वी दिल्ली के त्रिलोक पुरी ईस्ट, कल्याणपुरी और चौहान बांगर सीटों पर हो उपचुनाव के लिए 28 फरवरी को मतदान होगा। इस चुनाव के नतीजे 3 मार्च 2021 को आएंगे। लेकिन पांचों सीटों पर अलग अलग समीकरण बने हुए हैं। शुक्रवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। इसके चलते तीनों ही दलों ने रोड-शो और जन संपर्क के जरिए मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की। रविवार को वोट डाले जाएंगे और निर्वाचन आयोग की ओर से इस दिन पब्लिक होलीडे घोषित किया गया है।

उत्तरी दिल्ली की रोहिणी-सी सीट पर अनधिकृत कालोनियों में सफाई, सड़क, पीने का पानी और ऐसी ही मूलभूत समस्याएं चुनावी मुद्दा बनी हुई हैं। लेकिन इस सीट पर आप, बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार एक दूसरे को टक्कर देते नजर आ रहे हैं। हालांकि बीएसपी इस बार भी चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगी। यहां कुल 6 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
उत्तरी दिल्ली की ही शालीमार बाग नॉर्थ सीट पर सबसे कम केवल तीन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस को इस सीट पर कुछ हद तक गांव-देहात का समर्थन मिलता नजर आ रहा है। लेकिन मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी के बीच ही नजर आ रहा है। बीजेपी उम्मीदवार को उनकी सास के देहावसान की सैम्पैथी मिलती दिख रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में है और चुनाव को किसी के लिए भी आसान कहा जाना मुश्किल है।
पूर्वी दिल्ली की चौहान बांगर सीट पर पिछली बार की तरह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला है। इस सीट पर अन्य कोई भी उम्मीदवार इस स्थिति में नहीं है कि वह इस मुकाबले को त्रिकोणीय बना सके। मरकज मामले को लेकर इस सीट पर कांग्रेस को कुछ लाभ मिलता दिखाई दे रहा है। इस सीट पर कुल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं और दो पूर्व विधायकों इशराक खान और चौधरी मतीन अहमद के बीच सीधा मुकाबला है। बीजेपी इस सीट पर पिछले कई चुनावों की तरह दूर-दूर तक मुकाबले में नजर नहीं आ रही है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की त्रिलोक पुरी ईस्ट और कल्याणपुरी सीट पर मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है। पिछले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने अपनी उपस्थिति अच्छी तरह से दर्ज कराई थी। लेकिन इस बार बीजेपी-आप के अलावा कोई भी उम्मीदवार त्रिकोणीय मुकाबला बनाता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि कल्याणपुरी वार्ड में कांग्रेस को कुछ हद तक जनसमर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। इन दोनों ही सीटों पर कुद 6-6 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।