-ठेकों पर लग रहीं लंबी-लंबी कतारें, दिल्ली में 372 में से आधे से ज्यादा ठेके बंद
-शराब के शौकीनों ने किया एनसीआर का रूख, बढ़ी शराब की तस्करी
एसएस ब्यूरो/नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर है। यहां शराब के आधे ठेके तो एक महीने पहले ही बंद हो गये थे, अब बाकी 372 में से भी आधे से ज्यादा ठेके शराब खत्म होने की वजह से पूरी तरह से बंद हो गये हैं। इसके चलते पीने वालों ने यूपी और हरियाणा के एनसीआर इलाकों का रूख कर लिया है। एक ओर दिल्ली में हरियाणा की शराब की तस्करी बढ़ गई है, दूसरी ओर आने वाले दिनों में दिल्ली में शराब और ज्यादा महंगी होने जा रही है।
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नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में 17 नवंबर से शराब की नई प्राइवेट दुकानें खुलना शुरू होंगी। लेकिन इससे पहले दिल्ली में शराब की कमी हो गई है। बताया जा रहा है कि शराब का स्टॉक ना मिलने की वजह से दिल्ली के मौजूदा 372 सरकारी ठेकों में से 200 से अधिक ठेकों पर शराब, बीयर और वाइन खत्म हो चुकी है। पूवी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के ही कुछ ठेकों पर ही शराब बची है और वहां भी लोगों को अपने पसंदीदा ब्रांड के बजाय अनजाने और अनदेखे ब्रांड की शराब मिल रही है।
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बता दें कि नॉर्थ दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली, नई दिल्ली, साउथ दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली (लक्ष्मी नगर) के ठेके माल बिक जाने की वजह से बंद हो गये हैं। इन इलाकों में बुधवार को लोग एक जगह से दूसरी जगह के ठेकों पर चक्कर काटते रहे। उन्हें न शराब मिली और नाही बीयर या वाइन। यहां तक कि डीएसआईआईडीसी की कनाट प्लेस एन ब्लॉक की बड़ी सरकारी दुकान भी माल नहीं होने की वजह से बुधवार को बंद कर दी गई।
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सरकारी शराब की दुकान पर मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि इसकी असल वजह एक्साइज डिपार्टमेंट से शराब और बीयर का नया स्टॉक ना मिलना है। अगर ठेकों पर नया स्टॉक नहीं आया तो गुरूवार से समस्या और बढ़ सकती है। दिल्ली में हरियाणा की शराब की खपत बढ़ गई है। कई खास इलाकों में तो शराब के घटिया ब्रांड्स की ब्लैक डेढ़ गुना दामों पर खुलेआम हो रही है। ज्यादातर ठेकों पर अच्छी और महंगे ब्रांड वाली शराब तो पहले ही खत्म हो चुकी थी।
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लिकर शॉप वालों का कहना है कि शराब ना मिलने पर ग्राहक उनसे झगड़ा कर रहे हैं। जब हमें उपर से ही स्टॉक नहीं मिल रहा तो हम ग्राहक को कहां से दें। एक्साइज डिपार्टमेंट को चाहिए था कि वह 16 नवंबर तक तो हमें स्टॉक देते ही रहते। साथ ही 17 नवंबर से खुलने वाली नई प्राइवेट दुकानों के साथ-साथ सरकारी लिकर शॉप के लाइसेंस की अवधि भी कुछ समय तक के लिए बढ़ाते। ताकि नई दुकानों को पूरी तरह से खुलने तक शराब खरीदने वालों को लाइनों में ना लगना पड़ता।
दुकानदारों का कहना है कि कितने ही नए दुकानदार यह भी सोच रहे हैं कि जब यह सरकारी ठेके बंद होंगे। इन्हीं की जगह वह अपनी नई प्राइवेट लिकर शॉप खोल लेंगे। हालांकि, अधिकतर सरकारी ठेकों पर जगह कम होने की वजह से इनमें नई प्राइवेट लिकर शॉप खोलने में खासी परेशानी हो सकती है। जानकारों का यह भी कहना है कि 17 नवंबर से खुलने वाली नई लिकर शॉप के बाद भी कुछ समय तक परेशानी हो सकती है। क्योंकि, शुरुआत में कितने नए ठेके खुल पाते हैं कितने नहीं यह अभी से नहीं कहा जा सकता।