DELHI BJP: स्थायी समिति अध्यक्ष की दावेदार… फर्जी आई-कार्ड बनवा रहीं सरकार!

-बीजेपी नेता नंदिनी शर्मा ने अपने ड्राईवर का बनवाया ‘एंबुलेंस ड्राईवर’ का आई-कार्ड
-लॉकडाउन में बीजेपी नेता उठा रहे नगर निगम की सत्ता में होने का गलत फायदा

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सत्ता वाले दिल्ली के नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) पहले से ही भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को लेकर बदनाम हैं। ऊपर से बीजेपी के ही नेता इस मामले में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। एक ओर लोग अपने जरूरी कामों को लेकर भी कर्फ्यू पास बनवाने के लिए भारी जद्दोजेहद कर रहे हैं। दूसरी ओर सत्ताधारी बीजेपी नेता फर्जी पहचान पत्र बनवाकर नियमों-कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ताजा मामला बीजेपी की निगम पार्षद और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के दक्षिणी क्षेत्र (साउथ जोन) की वार्ड समिति की अध्यक्षा डॉक्टर नंदिनी शर्मा से जुड़ा है। बीजेपी नेताओं के संरक्षण में साउथ जोन असिस्टेंट कमिश्नर कार्यालय में चल रहे इस ‘पहचान पत्रों के फर्जीवाड़े’ ने आम आदमी पार्टी को एक और मुद्दा दे दिया है।

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दिल्ली में सोमवार 26 अप्रैल 2021 की सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन (Lock down) लागू है। इसके चलते कोई भी व्यक्ति बिना अत्यंत आवश्यक कारणों और निर्धारित पहचान पत्र (कर्फ्यू पास) के बिना अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता। लेकिन लोगों ने इसका तोड़ निकाल लिया है और फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर अपने घरों से बेधड़क निकल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला डॉक्टर नंदिनी शर्मा के ड्राईवर का है। नंदिन शर्मा मालवीय नगर वार्ड से बीजेपी की निगम पार्षद हैं और दक्षिणी जोन की चेयरमैन हैं।

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सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर नंदिनी शर्मा का ड्राईवर बलबीर सिंह है। यह निजी ड्राईवर उनके पास करीब पिछले 8-10 साल से है और इसका नगर निगम से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उसके नाम से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के साउथ जोन के सहायक आयुक्त कार्यालय से ‘एंबुलेंस ड्राईवर’ के नाम से पहचान पत्र जारी किया गया है। इसी के आधार पर आजकल बलबीर लॉकडाउन के दौरान आना-जाना कर रहा है।

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नियमानुसार संवैधानिक पदों पर बैठे नेताओं को नगर निगम की ओर से सरकारी ड्राईवर दिये जाते हैं और किसी भी नेता के निजी ड्राईवर के लिए सरकारी पहचान पत्र जारी किये जाने की व्यवस्था नहीं है। इससे भी बड़ी बात तो यह है कि एंबुलेंस ड्राईवर का पहचान पत्र तो किसी भी हालत में जारी नहीं किया जा सकता। लेकिन वार्ड कमेटी की अध्यक्ष महोदया ने अपने ड्राईवर के लिए असिस्टेंट कमिश्नर की ओर से एंबुलेंस ड्राईवर का कार्ड जारी करवा लिया है। बताया जा रहा है कि यहां से एक ही नहीं बल्कि विभिन्न पद-नाम वाले इस तरह के दर्जनों फर्जी पहचान पत्र जारी करवाये गये हैं।
स्थायी समिति अध्यक्ष पद की दावेदारः
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में एक ओर बीजेपी के कई निगम पार्षदों को पिछले चार साल के कार्यकाल में एक भी महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी नहीं मिली है। दूसरी ओर नंदिनी शर्मा 2017 में चुनाव जीतने के बाद से ही महत्वपूर्ण पदों पर बनी आ रही हैं। फिलहाल वह साउथ जोन की चेयरमैन हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व के ऊपर दबाव के चलते नंदिनी शर्मा को आने वाले दिनों में स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया जाना लगभग तय हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि नंदिनी शर्मा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रमुख भारत भूषण और एक पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का आशीर्वाद प्राप्त है। इसी के चलते उन्हें चुनावी साल में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाये जाने की तैयारी है।
‘एंबुलेंस’ नहीं केवल ‘ड्राईवर’ का पहचान पत्र : नंदिनी 
पूरे मामले में बीजेपी पार्षद नंदिनी शर्मा ने कहा कि बलबीर सिंह उनका ड्राईवर है, लेकिन उसके पास ‘एंबुलेंस ड्राईवर’ का नहीं बल्कि केवल ड्राईवर का ही पहचान पत्र है। उन्होंने बताया कि, क्योंकि उन्हें अपने इलाके में जाना होता है, इसलिए उनके ड्राईवर के पास केवल ‘‘ड्राईवर’’ का परिचय पत्र है।
जांच का विषय है फर्जी पहचान पत्र
बीजेपी पार्षद नंदिनी शर्मा ने कहा है कि उन्हें ‘‘इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके ड्राईवर के पास ‘एंबुलेंस ड्राईवर’ का परिचय पत्र है।’’ यदि उनकी बात को सही मान लिया जाये तो इसके बाद यह जांच का विषय हो गया है कि उनके ड्राईवर के पास नगर निगम के साउथ जोन की ओर से जारी किया गया ‘एंबुलेंस ड्राईवर’ का परिचय पत्र कहां से आया। आखिर लॉकडाउन के दौरान बनाये जा रहे इन परिचय पत्रों के फर्जीवाड़े के पीछे किसका हाथ है?