-पार्टी में लंबे समय से चल रही उपराज्यपाल को हटाने की मांग लेकिन प्रदेश नेतृत्व का नहीं मिल रहा साथ
-योगेंद्र चंदोलिया उठाते आ रहे बैजल को हटाने की मांग, लगाया जा रहा आप से मिलीभगत का आरोप
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कहते हैं ‘देर आयद-दुरूस्त आयद’। ऐसा ही कुछ बुधवार को दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ हुआ। पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं को केजरीवाल सरकार द्वारा एक हजार लो फ्लोर बसों की खरीद के घोटाले की जांच कराने के लिए उपराज्यपाल के यहां धरना देना पड़ा। इसके बाद पार्टी की ओर से उपराज्यपाल की ओर से इसकी जांच सीबीआई से कराने का आश्वासन दिये जाने की बात कही जा रही है।
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दरअसल दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधू़ड़ी और विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता विजेंद्र गुप्ता बुधवार को अपनी मांगे लेकर उपराज्यपाल के यहां पहुंचे थे। लेकिन लेकिन बीजेपी नेताओं को उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया। इसके बाद तीनों नेता राजनिवास पर ही धरने पर बैठ गये। बताया जा रहा है कि काफी देर के पश्चात उपराज्यपाल ने तीनों नेताओं को बसों की खरीद की जांच सीबीआई से कराने का आश्वासन दिया है।
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बता दें कि दिल्ली बीजेपी में लंबे समय से दिल्ली के उपराज्यपाल को बदले जाने की मांग उठ रही है। लेकिन प्रदेश नेतृत्व इस मामले में गंभीर नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर योगेंद्र चंदोलिया लंबे समय से अनिल बैजल को हटाने की मांग करते आ रहे हैं। वह लंबे समय से उपराज्यपाल के ऊपर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते आ रहे हैं। उन्होंने बुधवार को भी एक ट्वीट के जरिये एलजी पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘डीटीसी बस घोटाले की जांच एसीबी से करवाई जाये। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बर्खास्त किया जाये। लेफ्टिनेंट गवर्नर की इस घोटाले में मौन स्वीकृति, पीएमओ व गृहमंत्री अमित शाह तुरंत संज्ञान लें।’’
DTC बस घोटाले की जांचACB करवाई जायें
दिल्ली के मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal को बर्खास्त किया जायें @LtGovDelhi की इस घोटाले में मौन स्वीकृति @PMOIndia @AmitShah ji तुरंत संज्ञान ले @JPNadda ji @blsanthosh ji @adeshguptabjp ji @PandaJay ji @RamvirBidhuri ji @Gupta_vijender
— Yogender chandolia (@yogenderchando1) July 14, 2021
दरअसल अनिल बैजल को भले ही केंद्र की मोदी सरकार ने दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया है, लेकिन वह पुड्डूचेरी की पूर्व उप राज्यपाल किरण बेदी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की तरह अपना काम करके नहीं दिखा पाये हैं। योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गलत कामों में भी अपनी मौन स्वीकृति देते रहते हैं। उपराज्यपाल का काम सरकार के गलत कामों को रोकना और जनता के हित के कामों को आगे बढ़ाना होता है। इस कसौटी पर बैजल खरे नहीं उतर पाये हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में बैजल के खिलाफ भारी आक्रोश है और हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मांग की है कि उपराज्यपाल को बदला जाना चाहिए।
प्रदेश नेतृत्व का ढुलमुल रवैया
उपराज्यपाल के मामले में दिल्ली बीजेपी नेतृत्व ढुलमुल रवैया अपना रहा है। बीजपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी में उठ रही आवाज को एक बार भी महत्व नहीं दिया है। लेकिन बुधवार को जब मिलने गये इन नेताओं को उपराज्यपाल ने ज्यादा महत्व नहीं दिया, तो उन्हें वस्तुस्थिति का पता चला और उन्हें राजनिवास पर ही धरने पर बैठना पड़ गया।