BJP: अपने ही पूर्व विधायक और निगम पार्षद के काम नहीं आया ‘‘सेवा ही संगठन’’!

-कोरोना पीड़ित पार्षदा को खाना तक नहीं पहुंचा सके दिल्ली बीजेपी के नेता
-ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाईयों के लिए तरस गया पूर्व विधायक का परिवार

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व का दावा है कि वह ‘‘सेवा ही संगठन’’ के तहत रोजाना कोराना पीड़ित परिवारों के लिए खाने के साथ ऑक्सीजन, दवाईयां, ऑक्सी मीटर व दूसरे उपकरण मुहैया करा रहा है। पार्टी की ओर से रोजाना मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति के जरिये बड़े-बड़े दावों की सूचना भेजी जा रही है। जबकि धरातल पर दिल्ली बीजेपी के ज्यादातर लोग दिल्ली वालों के काम नहीं आ रहे हैं। दिल्ली बीजेपी नेतृत्व का दावा कुछ और… व हकीकत कुछ और है। सबसे बड़ी और चिंताजनक बात तो यह है कि कोरोना पीड़ित होने पर बीजेपी का ‘‘सेवा ही संगठन’’ खुद अपने पूर्व विधायक और एक महिला निगम पार्षद के काम नहीं आ सका।

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बता दें कि दिल्ली बीजेपी के एक पूर्व विधायक (2 बार के विधायक) हाल ही में कोरोना संक्रमित हो गए थे। डॉक्टर्स ने उन्हें अपने घर पर ही आइसोलेशन में रहकर इलाज जारी रखने की सलाह दी थी। लेकिन उनकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई तो डॉक्टर्स ने उन्हें ऑक्सीजन लेने की सलाह दी। इसके बाद उनकी पत्नी ने बीजेपी के उन सभी नेताओं से ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने की गुहार लगाई, जो मीडिया और सोशल मीडिया पर दिल्ली वालों को ऑक्सीजन सिलेंडर और दूसरी चीजें मुहैया कराने के बढ़-चढ़ कर दावे कर रहे थे। लेकिन ‘‘सेवा ही संगठन’’ के नाम पर दावे करने वाला एक भी नेता उनके काम नहीं आया। यहां तक कि जिन लोगों ने पूर्व विधायक जी की पत्नी ने ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के लिए कहा था, उनमें से एक ने भी लौटकर पूर्व विधायक जी का हाल-चाल तक नहीं पूछा।

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बाद में इन पूर्व विधायक की हालत और ज्यादा बिगड़ी तो उनकी पत्नी ने अपने कुछ रिश्तेदारों की मदद से उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया। गनीमत की बात यह है कि ‘‘सेवा ही संगठन’’ वाली उनकी खुद की पार्टी के नेता तो उनके काम नहीं आये, लेकिन फिलहाल उनकी वह कोरोना के प्रकोप से बाहर हैं, अपने घर पर हैं और उनकी हालत अच्छी है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि जो बीजेपी नेतृत्व अपनी ही पार्टी के लोगों के काम नहीं आ सका, वह दूसरे के काम कितना और कैसे आयेगा?

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केवल इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी की एक वर्तमान निगम पार्षद की भी यही कहानी है। हाल ही में उनके परिवार के कुछ लोगों के साथ उनकी बेटी भी कोरोना संक्रमित हो गईं थी। निगम पार्षदा अपने परिवार की सेवा में जुटी हुई थीं। घर से बाहर नहीं निकल सकती थीं। तब उन्होंने ‘‘सेवा ही सगठन’’ के तहत कोरोना पीड़ित परिवारों को भोजन मुहैया कराने वाले अपनी ही पार्टी के नेताओं को भोजन उपलब्ध कराने के लिए कहा। आश्चर्य की बात है कि निगम पार्षद महोदया के घर एक दिन तो पार्टी के लोगों ने भोजन पहुंचा दिया। लेकिन फिर पलट कर भोजन पहुंचाना तो दूर, उनके परिवार का हाल-चाल तक नहीं पूछा।
जीत नहीं पा रहे अपनों का भरोसा
दिल्ली बीजेपी नेतृत्व के ऊपर अपने ही बड़े नेताओं का भरोसा नहीं जम पा रहा है। पिछले दिनों उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद हंस राज हंस भी कोरोना पीड़ितों के लिए ट्विटर पर ऑक्सीजन की मदद मांगते नजर आये थे। दो दिन पूर्व वर्तमान मोदी सरकार में मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और बीजेपी के ही पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक प्रधान ने भी दिल्ली बीजेपी के नेताओं के बजाय ट्विटर के जरिये कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा से कोरोना पीड़ित परिचितों के लिए मदद मांगी थी। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली बीजेपी का ‘‘सेवा ही संगठन’’ लोगों के कितना काम आ रहा है।