-वार्ड समिति के चुनाव के दौरान छुट्टी मांगने वाली पार्षद को कारण बताओ नोटिस
-प्रदेश नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाने वाले तिलक राज के खिलाफ नहीं की कार्रवाई
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में होने वाले निर्णयों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यही है कि आखिर प्रदेश नेतृत्व का सलाहकार कौन है? पार्टी ने बगावत करने वाली पूनम सहरावत के बाद वार्ड कमेटी की वोटिंग के दौरान छुट्टी मांगने वाली (क्रॉस वोटिंग की आरोपी) ज्योति रछौया को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। लेकिन प्रदेश नेतृत्व पर सीधे तौर पर गंभीर आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा देने वाले तिलक राज कटारिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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ज्योति रछोया को मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में उनसे पूछा गया है कि नरेला जोन के चेयरमैन पद के लिए हुए मतदान में उन्होंने पार्टी के खिलाफ मतदान किया है। इसलिए क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए? इसके लिए 72 घंटे का समय दिया गया था। हालांकि नोटिस मिलने के चार घंटों के अंदर ही ज्योति की ओर से नोटिस का जवाब भी पार्टी को भेज दिया गया।
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ज्योति रछोया ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने पार्टी लाइन के अनुसार ही जोन के चुनाव में वोट डाला है। जवाब में ज्योति ने दलित कार्ड खेलते हुए कहा है कि क्या दलित होना अपराध है? जवाब में मांग की गई है कि पार्टी की ओर से जारी किए गए नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए और तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के लिए उसे सम्मानित किया जाए।
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कटारिया ने अपने पत्र में यह आरोप भी लगाया था कि बीजेपी में अब काम करने वालों की कद्र नहीं है। इसके बावजूद दिल्ली प्रदेश बीजेपी की ओर से तिलक राज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। खास बात है कि बीजेपी ने कटारिया के इस्तीफे पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। नाही उनसे यह पूछा गया है कि उन्होंने अपने इस्तीफे में पार्टी नेतृत्व पर इतने गंभीर आरोप क्यों लगाए हैं।