DELHI BJP: नई टीम से दूर रहेंगे पार्षद-विधायक!

-बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक में लिया गया बड़ा फैसला
-विधायक बन चुके पदाधिकारियों को नहीं मिलेगा स्थान

हीरेन्द्र िंसंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की नई टीम के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने प्रदेश कार्यालय में कोर ग्रुप की पहली बैठक ली। बताया जा रहा है कि इस बैठक में सबसे बड़ा सुझाव आया है कि पार्टी के निगम पार्षदों और विधायकों को नई टीम में नहीं रखा जाए। क्योंकि वह चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं, अतः वह अपने काम के जरिए पार्टी के नाम को आगे बढ़ाएं।

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सूत्रों का कहना है कि बैठक में हुई चर्चा के अनुसार ज्यादातर पार्षदों की छवि अपने इलाकों में अच्छी नहीं है। अतः उन्हें अपने-अपने इलाकों में काम के जरिए छवि सुधारने के लिए कहा जाए। दरअसल कई निगम पार्षद प्रदेश संगठन में पदाधिकारी बनने के लिए घुसपैठ की कोशिश में जुटे हैं।

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इनमें पूर्व मेयर अवतार सिंह, उत्तरी निगम में पूर्व नेता सदन तिलक राज कटारिया, दक्षिणी दिल्ली निगम की पूर्व मेयर कमलजीत सहरावत, पूर्व नेता सदन शिखा राय और नागलोई से पार्षद ज्योति रछौया के नाम प्रमुखता से लिये जा सकते हैं। कई पार्षद तो पदाधिकारी बनने के लिए पार्टी को ब्लैकमेल करने पर भी उतर आए हैं।
दूसरी ओर कई निगम पार्षद जिला अध्यक्षों की कुर्सी पर अपनी नजर गढ़ाए हुए हैं। जबकि कई पूर्व निगम पार्षद भी नई जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

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सूत्रों का कहना है कि कुछ नेताओं ने सुझाव दिया है कि पार्टी में संतुलन बनाए रखने के लिए पार्षदों और विधायकों को नई टीम में शामिल नहीं किया जाए।
बता दें कि दिल्ली में बीजेपी के अभी 8 विधायक हैं। पार्टी के दो वर्तमान उपाध्यक्ष
मोहन सिंह बिष्ट और अभय वर्मा चुनाव जीतकर विधायक बन गए हैं। जबकि उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिला अध्यक्ष अजय महावर भी विधायक चुने जा चुके हैं ऐसे में यदि नया फार्मूला लागू होता है तो इन तीनों नेताओं को नई टीम से बाहर रहना पड़ेगा। इसके साथ ही पार्षद और महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पूनम पाराशर झा को भी कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है।

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सोमवार को दिल्ली बीजेपी कार्यालय में हुई कोर कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया राहटकर, राष्ट्रीय मंत्री महेश गिरी, केन्द्रीय मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, सांसद मीनाक्षी लेखी, प्रवेश साहिब सिंह, गौतम गंभीर, हंसराज हंस, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय उपस्थित थे।
गोयल-लेखी आमने-सामने
सूत्रों का कहना है कि कोर ग्रुप की बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने सुझाव रखा कि मंडल व जिला अध्यक्षों पद के लिए जो लोग दावेदारी कर रहे हैं, पहले उन लोगों से यह लिखवाकर लिया जाना चाहिए कि वह 2022 में होने वाले निगम चुनाव के लिए टिकट नहीं मांगेंगे। गोयल के इस सुझाव पर सांसद मीनाक्षी लेखी ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि इस तरह का निर्णय लेने के लिए अभी बहुत जल्दबाजी होगी। क्योंकि चुनाव अभी बहुत दूर हैं, इस तरह के फैसले तभी लिये जाने चाहिए। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों ही सुझाव अच्छे हैं, अतः पार्टी को इन पर विचार करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।
एज लिमिट तय की जाए
दिल्ली बीजेपी के कोर ग्रुप में शामिल एक पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में यह सुझाव भी रखा गया कि मंडल व जिला अध्यक्षों के लिए आयु-सीमा (एज लिमिट) तय की जानी चाहिए। सुझाव में कहा गया कि मंडल अध्यक्ष के लिए आयु सीमा 45 साल और जिला अध्यक्ष के लिए आयु सीमा 55 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि इस सुझाव के पीछे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को आगे लाने का मकसद है।