दिल्ली बीजेपीः मंडल-जिला अध्यक्षों पर सख्ती से लागू नहीं होगा उम्र का नियम!

-दो-चार साल ऊपर होने पर भी मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
-रायशुमारी का काम पूरा, पर्यवेक्षकों ने सोंपी प्रदेश नेतृत्व को सूची

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में मंडल, जिलों और प्रदेश संगठन के गठन का दौर जारी है। इस दौरान पार्टी में मंडल व जिला अध्यक्षों के लिए आयु सीमा तय होने की वजह से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है। पार्टी मंडल व जिला अध्यक्षों के मामले में आयु सीमा के नियम को ज्यादा सख्ती से लागू नहीं करेगी। दो-चार साल ऊपर-नीचे वालों को पार्टी में अहम जिम्मेदारियां सोंपी जा सकती है।

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने एटूजैड न्यूज को बताया कि आयु सीमा को लेकर पार्टी नेतृत्व का उद्देश्य बीजेपी में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नेतृत्व में भागीदारी देने का है। यदि कोई व्यक्ति आयु के मामले में थोड़ा-बहुत ऊपर-नीचे भी है तो भी मजबूत और काम करने वाले नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी के नता मिल-बैठकर तय करेंगे कि किसको क्या जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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बता दें कि प्रदेश बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक में फैसला किया गया था कि मंडल अध्यक्ष के लिए 45 साल और जिला अध्यक्ष के लिए 55 साल की उम्र वाले व्यक्तियों के नामों पर ही विचार किया जाएगा। लेकिन अब पार्टी नेताओं के सुझावों के आने के बाद प्रदेश नेतृत्व इस मामले में कुछ ढील देने पर विचार कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस उम्र के मामले में ज्यादा छूट नहीं दी जाएगी। ताकि संगठन में ज्यादा से ज्यादा सक्रियता बनी रहे।
खुद को रिटायर समझ रहे ज्यादा उम्र वाले
दिल्ली बीजेपी में मंडल व जिला अध्यक्षों के लिए आयु सीमा निर्धारित किए जाने के बाद पार्टी में ज्यादा उम्र वाले नेता खुद को रिटायर मानने लगे थे। पार्टी के जूनियर कार्यकर्ताओं ने भी अपने सीनियर कार्यकर्ताओं को पूछना बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि जूनियर कार्यकर्ताओं के मन में यह बात आ गई है कि जो व्यक्ति उम्र ज्यादा होने की वजह से पार्टी में खुद कुछ नहीं बन सकता, वह उन्हें क्या बनवा सकता है? ऐसे में दिल्ली बीजेपी में वर्षों से काम में जुटे नेता अपने आप को अलग थलग मानने लगे हैं।
गुटबाजी में भी निकल जाता समय
हर राजनीतिक संगठन की तरह दिल्ली बीजेपी में कई गुट हैं। एक गुट के वरिष्ठ नेता को बड़ी जिम्मेदारी में कई बार कई साल लग जाते हैं। ऐसे में पार्टी में यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि एक गुट के हावी होने के बाद दूसरे गुट के नेताओं को पार्टी-संगठन में स्थान नहीं मिल पाएगा। दिल्ली बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दलों में उम्र की सीमा तय करना गलत है। यदि उम्र सीमा ही तय करनी है तो वह सभी के लिए होनी चाहिए। फिर चाहे वह सांसद हो, विधायक हो या फिर राष्ट्रीय संगठन हो अथवा प्रदेश का संगठन।
पूरे संगठन की आयु सीमा तय होने का संदेश
प्रदेश बीजेपी में पूरे संगठन की आयु सीमा तय होने का संदेश गया है। मंडलों में चर्चा है कि जब मंडल अध्यक्ष ही 45 साल का होगा तो उसके साथ 45 से कम आयु वालों को ही रखा जाना तय है। लेकिन इसका असर मंडल के दूसरे लोगों पर पड़ना भी तय है। इसी तरह जिलों में जब अध्यक्ष की उम्र ही 55 साल तय होगी तो बाकी पदाधिकारियों और सदस्यों का इससे कम आयु का रखना भी तय माना जा रहा है। इससे बहुत से नेता अपने आपको अलग थलग पा रहे हैं।
कई मंडलों में नहीं मिल पाए ढंग के नाम!
दिल्ली बीजेपी में चर्चा है कि रायशुमारी के दौरान कई मंडलों में तो 45 साल की आयु सीमा तय किये जाने की वजह से ढंग के नाम ही नहीं मिल पाए। ऐसे मंडलों में वर्तमान अध्यक्षों को ही रिपीट किए जाने की बात कही गई है। वहीं कुछ मंडलों में 50 से 55 साल तक के लोगों के नाम भी सुझाए गए हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व का आयु सीमा के मामले ढिलाई बरते जाने की पूरी संभावना है।