-वेतन मामले में बीजेपी ने निगम कर्मचारियों के साथ किया धोखाः मुकेश गोयल
-रूका हुआ वेतन देने में भेदभाव से टूटा कर्मचारियों का मनोबलः मुकेश गोयल
-राजनीति छोड़, एक साथ बैठकर हल निकालें बीजपी और आप नेताः मुकेश गोयल
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने निगम कर्मियों का वेतन देने में किये जा रहे भेदभाव पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि हम डॉक्टर्स को सितंबर तक का पूरा वेतन दिये जाने का स्वागत करते हैं। बाकी कर्मचारियों को भी एक साथ वेतन दिये जाने की नीति बनाई जानी चाहिए। बाकी कर्मचारियों का पूरा वेतन जारी नहीं किये जाने की वजह से ज्यादातर कर्मचारियों का तीन महीने का वेतन अब भी बकाया है और अक्टूबर का महीना भी खत्म होने जा रहा है। ऐसा करके सत्ताधारी बीजेपी ने कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया है। बीजेपी के इस धोखे की वजह से बिना सेलरी कई महीनों से काम करते आ रहे निगम कर्मियों का मनोबल टूट गया है और उन्हें मजबूरी में हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है। मुकेश गोयल बुधवार को सिविक सेंटर में आयोजित कर्मचारियों के धरने में शामिल हुए और उनके वेतन आंदोलन का समर्थन किया।
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मुकेश गोयल ने कहा कि नगर निगम के एलोपैथिक डॉक्टर्स को सितंबर तक की सेलरी जारी कर दी गई है। लेकिन डॉक्टर्स के साथ काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ को केवल जुलाई तक का ही वेतन दिया गया है। जबकि सफाई कर्मचारियों और डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) को अगस्त 2020 तक का वेतन दिया गया है। सबसे बुरी हालत बाकी हेल्थ वर्कर्स और अन्य ए, बी, सी और चतुर्थ श्रेणी के स्टाफ की है। उन्हें केवल एक महीने (जून माह) का ही वेतन दिया गया है। इसकी वजह से नगर निगम के कर्मचारियों में सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ भारी रोष है और उन्होंने हड़ताल का ऐलान कर दिया है।
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मुकेश गोयल ने कहा कि उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने ऐलान किया है कि सभी डॉक्टर्स का सितंबर तक का वेतन जारी कर दिया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि केवल ऐलोपैथी के डॉक्टर्स का ही वेतन जारी किया गया है। जबकि आयुष के तहत आने वाले आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी पद्धति वाले डॉक्टर्स को दूसरे कर्मचारियों की तरह केवल एक महीने का वेतन ही जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर दिल्ली की केजरीवाल सरकार निगम का पैसा रोककर निगम कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है, दूसरी ओर निगम में सत्ताधारी बीजेपी के नेता किसी को तीन महीने और किसी को एक महीने का वेतन जारी करके उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेता तुरंत मिल-बैठकर कर्मचारियों के वेतन की समस्या का समाधान निकालें। नहीं तो आने वाले दिनों में निगम की हालत और ज्यादा खराब हो जाएगी।