‘फर्जी हाजिरी’ से SDMC को लगाया जा रहा 3 करोड़ का चूना

-महापौर का वार्ड और बिना काम के दिला दिया भुगतान (पार्ट-2)
-दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में बड़ा ‘फर्जी हाजिरी घोटाला’
-वेस्ट जोन का मामला, बिना काम के वेतन उठा रहे दर्जनों लोग

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में चल रहे ‘फर्जी हाजिरी घोटाले’ की परतें जैसे-जैसे खुलती जा रही हैं। वैसे-वैसे सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि डीबीसी व सीएफडब्लू कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी लगाकर कर्मचारियों, अधिकारियों व नेताओं द्वारा मोटी कमाई की जा रही है। यही कारण है कि साक्ष्यों के साथ शिकायतों के बावजूद सत्तारूढ़ बीजेपी नेता भी दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला पश्चिमी क्षेत्र (वेस्ट जोन) का है और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में यह घोटाला करीब तीन करोड़ रूपये का बताया जा रहा है।

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वार्ड संख्या 1-एस महापौर सुनीता कांगड़ा का है। यहां कार्यरत डीबीसी कर्मचारी रिषिपाल, नवंबर 2019 में 9 दिन ड्यूटी पर नहीं आया, लेकिन पहले अनुपस्थिति लगाने के बाद रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करके पूरी हाजिरी का वेतन दिला दिया गया। इसी तरह डीबीसी कर्मचारी विरेंद्र को 8 दिन, सतपाल को 3 दिन, सीएफडब्लू धर्मेद्र को 2 दिन, विनोद को 10 दिन, अजय को 4 दिन और रवि को एक दिन का वेतन बिना काम किए दिला दिया गया।

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मूवमेंट रजिस्टर खाली और हाजिरी रजिस्टर में उपस्थिति
अधिकारियों ने न केवल हाजिरी रजिस्टर में फर्जीवाड़ा कर रखा है बल्कि कर्मचारियों के मूवमेंट रजिस्टर में भी खेल कर रखा है। अक्टूबर 2020 में डीबीसीकर्मी विरेंद्र, रिषिपाल, सतपाल और सुमित के मूवमेंट रजिस्टर में नामों के आगे का कॉलम पूरे महीने खाली रहे। लेकिन जब वेतन दिलाने का समय आया तो पूरी हाजिरी लगाकर 11 दिन के वेतन का अतिरिक्त भुगतान करा दिया गया।

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दक्षिणी दिल्ली निगम में हैं 104 वार्ड
घोटालेबाज अधिकारी और नेता किस तरह दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को घुन की तरह खा रहे हैं, इसे इस तरह समझा जा सकता है। उपरोक्त आंकड़े केवल एक वार्ड के हैं। यदि एक वार्ड में फर्जी हाजिरी लगाकर हर महीने 20 से 25 हजार रूपये की हेराफेरी की जा रही हो तो 104 वार्ड का आंकड़ा 25 से 26 लाख रूपये बैठता है। इस तरह केवल एक साल में ही करीब 3 करोड़ रूपये का घोटाला बनता है।

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कई पार्षदों को नहीं मालूम और गई बंदरबांट
निगम के कई पार्षदों के तो मालूम ही नहीं चल रहा है कि उनके वार्ड में कर्मचारियों को बिना काम के वेतन बांटा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि पार्षदों को इस मामले में पता चल गया है, वह इस घोटाले में शामिल हो गए हैं। यहीं कारण है कि उन्होंने अपने यहां पिछले कई साल से अपने वार्डों में केवल उन्हीं एएमआई व एमआई व दूसरे लोगों को रख रखा है जो फर्जीवाड़ा करके मोटी कमाई करके दे रहे हैं।

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अधिकारियों ने साधी चुप्पी
मामला सामने आने के बाद से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। एटूजैड न्यूज ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के संबंधित पक्ष के कई आला अधिकारियों से इस मामले में सटीक जानकारी चाही। लेकिन हफ्तों बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी इस मामले में अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है। यदि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की ओर से इस मामले में कोई भी पक्ष रखा जाता है तो उसे भी यथास्थान दिया जाएगा।
एक-एक कर खुलेंगी मामले की परतें
एटूजैड-न्यू को मिले दस्तावेजों के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में यह हाजिरी घोटाला लंबे समय से चल रहा है। कुछ और परतें अभी खुलनी बाकी हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि इस मामले में किस अधिकारी की क्या भूमिका रही। इस घोटाले में नगर निगम के अपने और यहां डेपुटेशन पर आने वाले कई अधिकारियों के साथ ही सत्ता पक्ष के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।
आप भी हैं शिकार, तो हमसे करें बात
यदि आप आला अधिकारियों या नगर निगम के दूसरे लोगों की मनमानी के शिकार हैं। तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हम आपकी आवाज को पहचान देंगे। आप चाहेंगे तो आपकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। आप हमें मोबाइल नंबर: 9810103181 या ईमेलः newsa2z786@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं। याद रहे कि आपकी किसी निजी रंजिश में हम सहभागी नहीं बनेंगे।