निगम के नेताओं ने बढ़ाया दबाव… सीएम आवास पर धरना स्थल से चल रहा कार्यालय का काम

-उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर-स्थायी समिति अध्यक्ष ले रहे मीटिंग

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
राजधानी में नगर निगमों की बकाया राशि के भुगतान को लेकर सियासी रार लगातार तेज होती जा रही है। उत्तरी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष सीएम आवास पर स्थित धरना स्थल से ही अपने कार्यालय के कामों का संचालन कर रहे हैं। रोजाना निगम अधिकारी अपने-अपने नेताओं से मिलकर जरूरी दिशानिर्देश ले रहे हैं और निगम का कामकाज चला रहे हैं। माना जा रहा है कि इससे दिल्ली की आम आदमी पार्टी पर लगातार सियासी दबाव बढ़ता जा रहा है।

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उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश और स्थायी समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी का कहना है कि नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब करने में सबसे बड़ा हाथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है। यदि वह समय रहते नगर निगमों की बकाया राशि जारी कर देते तो कर्मचारियों के वेतन के साथ दूसरे काम भी होते रहते। हम लोग यहां अपने लिए नहीं बल्कि निगम के कर्मचारियों के वेतन और दूसरे खर्चों के लिए बैठे हैं। यदि आज की तारीख में दिल्ली सरकार निगमों का 13 हजार करोड़ रूपये जारी कर देती है तो इससे अगले छह महीने नगर निगमों को कोई समस्या नहीं आएगी।
दूसरी ओर पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन और स्थायी समिति अध्यक्ष सत्यपाल सिंह रोजाना नगर निगम का कामकाज धरना स्थल से ही निपटा रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के स्थायी समिति अध्यक्ष का कहना है कि नगर निगमों का पैसा दिल्ली सरकार से निकालना बड़ी जिम्मेदारी है। सर्दी का मौसम है और रोजाना ठंड बढ़ती जा रही है। लेकिन हमारी जिम्मेदारी यह भी है कि निगमों का पैसा दिल्ली सरकार से आए और यह भी जिम्मेदारी है कि नगर निगम के कामकाज पर भी कोई असर नहीं पड़े। इसलिए हम अधिकारियों को धरना स्थल पर ही बुलाकर जरूरी कामकाज निपटा रहे हैं।

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सत्यपाल सिंह ने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि नगर निगम के जो सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, शिक्षा विभाग के कर्मचारी और दूसरे निगम कर्मी कोरोना की महामारी के समय सबसे आगे रहकर काम करते रहे। आज उन्हीं कर्मचारियों की सेलरी का पैसा केजरीवाल सरकार नहीं दे रही है। आने वाले दिनों में जनता यह तय कर देगी कि दिल्ली के लिए कौन सही पार्टी है और कौन लोग दिल्ली में अराजकता फैलाना चाहते हैं।
वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नेता भी अपना कामकाज धरना स्थल से ही निपटा रहे हैं। पार्टी नेता कमलजीत सहरावत ने कहा कि बुधवार 16 दिसंबर को उन्हें धरने पर बैठे हुए 10 दिन हो चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या उनके किसी सहयोगी मंत्री ने बात करने की जरूरत नहीं समझी है। जबकि कोरोना की महामारी शुरू होने पर बीजेपी के सांसदों ने ही सबसे पहले दिल्ली सरकार को अपने सांसद फंड से जरूरी सामान मुहैया कराया था। ऐसे में नगर निगम के जो कर्मचारी कोरोना से निपटने के लिए दिन-रात काम करते रहे उन्हें समय से वेतन दिये जाने की जरूरत है।