-बजट जारी होने के बावजूद नहीं खरीदी गईं दवाईयां
-बंद रहे अस्पताल, फिर भी 3 लाख से ज्यादा का इलाज
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों ने मरीजों के इलाज के लिए ‘जादुई पद्धति’ का इस्तेमाल शुरू किया है। यहां बिना किसी दवाई के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इससे भी बड़ी बात यह है कि कोविड-19 के दौरान अस्पताल बंद रहे, फिर भी लाखों मरीजों का इलाज हो गया। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि खुद निगम आयुक्त ने अपने बजटीय भाषण में इस तरह का दावा किया था।
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सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक कार्य निगम के आयुष विभाग का रहा है। इस विभाग में बिना एक रूपये की दवाई खरीदे ही 31 अक्टूबर, 2020 तक 3 लाख, 21 हजार, 596 मरीजों का इलाज कर डाला। खुद आयुक्त महोदय ने अपने बजट प्रस्ताव में दावा किया है कि आयुष विभाग ने 31 अक्टूबर, 2020 तक आयुर्वेदिक औषधालयों में 1 लाख, 35 हजार, 074 रोगियों, होम्योपैथी औषधालयों में 88 हजार, 317 रोगियों और यूनानी औषधालयों में 98 हजार, 205 रोगियों का इलाज किया जा चुका था।
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बता दें कि आयुष विभाग में विभिन्न मदों के तहत दवाईयां खरीदने के लिए 2019-20 में 7 करोड़, 60 लाख रूपये का बजट रखा गया था। लेकिन नगर निगम केवल 9 लाख, 46 हजार रूपये ही खर्च कर सका था। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में 8 करोड़, 65 लाख रूपये का बजट रखा गया था। लेकिन नगर निगम 30 सितंबर, 2020 तक इस राशि में से 1 भी रूपया खर्च नहीं कर सका। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने सोमवार को सदन में बजट पर चर्चा के दौरान सवाल उठाया कि जब बिना दवाईयों के नगर निगम के अस्पताल इलाज कर रहे हैं और मरीज ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं, फिर हर साल अस्पतालों का बजट बनाने पर माथापच्ची करने की क्या जरूरत है?