हिंदू राव अस्पताल में नहीं मिल रहा कोरोना मरीजों को इलाज… ध्वस्त हुए इंतजाम!

-कोविड पॉजिटिव आने पर मरीजों को बिना दवाई लिखे भेजा जा रहा वापस
-व्यवस्था अस्त-व्यस्त, ध्वस्त हुए इंतजाम, केवल बिलिंग का हो रहा काम
-11 बजे शुरू होती है टेस्ट की प्रक्रिया और 12ः30 पर घोषित हो जाता है लंच
-आप भी पढ़ें उत्तरी निगम के हिंदूराव अस्पताल से ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम के सबसे बड़े अस्पताल ‘हिंदू राव अस्पताल’ में कोरोना के इलाज की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। यहां टेस्ट में लोगों के कोविड-19 पॉजिटिव आने पर मरीजों को कोई देखने वाला नहीं है। यहां तक नये कोविड पॉजिटिव आये मरीजों को दवाईयां तक लिखकर देने के लिए भी डॉक्टर्स उपलब्ध नहीं हैं। जांच में पॉजिटिव आने के बाद मरीजों को वहां से तुरंत जाकर किसी दूसरे अस्पताल मे ंदिखाने के लिए कहा जा रहा है।

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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने हिंदू राव अस्पताल को कोरोना पेशेंट्स के लिए 200 से 400 बेड तक बढ़ाने पर जोर दे रहा है। लेकिन फिलहाल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड के चारों ओर ‘‘ ऑल बेड्स फुल’’ लिखे कागज चिपकाये हुए हैं। अस्पताल में कोविड की रेपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) जांच और आरटीपीसीआर टेस्ट की व्यवस्था की गई है। लेकिन यहां आने वाले लोगों का पहले रेपिड एंटीजन टेस्ट ही किया जा रहा है। इस टेस्ट में पॉजिटिव आने वालों को रिपोर्ट आते ही तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।

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हिंदूराव अस्पताल में पूरी व्यवस्था सिविल डिफेंस के कर्मियों के हाथों में सोंप दी गई है। यदि कोई व्यक्ति किसी डॉक्टर से मिलना चाहे तो नहीं मिल सकता। शनिवार 24 अप्रैल 2021 को 11 बजे से आरएटी टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हुई औ 12ः30 बजे तक करीब आधा दर्जन लोग कोरोना पॉजिटिव पाये गए। इन लोगों को किसी डॉक्टर ने ‘होम आइसोलेशन’ का सुझाव या दवाई लिखकर नहीं दी। बल्कि बाहर से बाहर ही कहीं दूसरे अस्पताल में जाकर दिखाने को कहकर वहां से भगा दिया गया। 12ः30 बजे लंच की घोषणा कर दी जाती है और इसके पश्चात डेढ़ घंटे बाद 2 बजे टेस्टिंग का काम शुरू किया जाता है। कोरोना पॉजिटिव आने वालों की यही स्थिति रविवार को भी देखने को मिली।
फर्जी बिलिंग का खेल जारी
कोरोना के नाम पर हिंदूराव अस्पताल में फर्जी बिलिंग का खेल जारी है। अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। इसके लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। एमरजेंसी में टेस्टिंग के लिए आने वालों के बैठने और जांच कराने व रिपोर्ट के लिए इंतजार करने के लिए कई व्यवस्थाएं की गई हैं। इनमें माइक सिस्टम की व्यवस्था भी शामिल है। ताकि यदि कोई व्यक्ति दूर खड़ा है तो आसानी से अपना नाम सुन सके। लेकिन यहां माइक केवल बांधकर छोड़ दिये गए हैं, इन्हें अब तक चालू तक नहीं किया गया है। लेकिन जो व्यवस्थाएं फिलहाल नहीं हो सकी हैं, उनकी बिलिंग भी आने वाले दिनों में करके भुगतान कर दिया जायेगा।
पहले भी हो चुका है बिलिंग पर विवाद
कोरोना महामारी की शुरूआत में पिछले साल भी हिंदूराव अस्पताल को कोरोना के इलाज के लिए अधिसूचित किया गया था। तब भी अस्पताल प्रशासन द्वारा की गई फर्जी बिलिंग को लेकर खूब विवाद हुआ था। कोरोना की ड्यूटी में शामिल डॉक्टर्स व दूसरे स्टाफ को होटलों में ठहराये जाने से संबंधित बिलों का मामला तो कई बार निगम की स्थायी समिति और सदन में भी उठाया जा चुका है। इस पर सत्ताधारी बीजेपी पूरी तरह से बचाव की मुद्रा में आ गई थी।
अधिकारियों की ओर उठ रहीं उंगलियां
हिंदू राव अस्पताल में ध्वस्त चल रही वयवस्थाओं के लिए अस्पताल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर उंगलियां उठाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि जिन अधिकारियों के पास अस्पताल की जिम्मेदारी है, वह अधिकारी इन जिम्मेदारियों को उठाने में सक्षम ही नहीं हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल में अन्य कई तरह की अनियमितताएं भी बड़े स्तर पर चल रही हैं। लेकिन निगम के आला अधिकारियों और सत्ताधारी दल को इसकी कोई चिंता नहीं है।