आज का दिन किसान विजय दिवस के तौर पर जाना जाएगा: अनिल चौधरी

त्योहारों पर जल संकट को लेकर कांग्रेस ने चेताया

-त्यौहारों के समय जल संकट को देखते हुए हरियाणा सरकार से बात करे दिल्ली सरकारः चौधरी अनिल कुमार
-करीब 450 एमजीडी कम पानी का उत्पादन कर रही दिल्ली की केजरीवाल सरकारः प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली में नवरात्रों के दौरान यमुना से पानी की कम सप्लाई और अपर गंगा कैनाल की मरम्मत के कारण पानी के भारी संकट पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पड़ौसी राज्यों द्वारा पराली जलाने पर चिंता करने के बजाए दिल्ली में मौजूदा पानी के संकट को दूर करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात करनी चाहिए।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं पराली जलाने पर होने वाले प्रदूषण के मामलों की निगरानी कर रहा है, अतः दिल्ली के मुख्यमंत्री को आने वाले जल संकट पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यमंत्री नवरात्रों में पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बजाए लोगों को पानी की कमी के खतरे के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को त्यौहारों के समय में यमुना नदी में प्रर्याप्त पानी छोड़ने के लिए हरियाणा सरकार से बात करनी चाहिए, जबकि अरविन्द दिल्ली में बैठकर पानी की कमी का रोना रो रहे है।

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अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में पीने योग्य पानी का उत्पादन केवल 930 एमजीडी हो रहा है। जबकि जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने अपनी स्टडी में वर्ष 2021 में दिल्ली में 1380 एमजीडी पानी की जरूरत का अनुमान जताया है। इसका मतलब है कि दिल्ली में जरुरत के हिसाब से 450 एमजीडी पानी का कम उत्पादन हो रहा है। जिसकी बढ़ोत्तरी के लिए अरविन्द सरकार कोई कदम नही उठा रही है।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने अपने 15 वर्ष के शासन में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली में पानी की सप्लाई को सुनिश्चित किया और त्यौहारों के दौरान पानी की कभी भी कमी नही होने दी। जबकि अरविन्द सरकार के दौरान दिल्लीवासी नवरात्रों के दौरान भारी संकट से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में दिल्ली जल बोर्ड फायदे में था, लेकिन अब लोगों को सभी मौसमों में पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार के कारण बिलों की दर तेजी से बढ़ रही है। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा पानी की शुद्धता के लिए हुए 21 शहरों के सर्वे में भी दिल्ली का जल सबसे गंदा पाया गया, जिसको पीने लायक नही बताया गया है।