-मंगलवार को कपिल सिब्बल के ट्वीट से चढ़ा कांग्रेस में सियासी पारा
-कांग्रेस कार्यसमिति के बाद अलग से हुई वरिष्ठ कांग्रेसियों की बैठक
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/नई दिल्ली
सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी बैठक में भले ही सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष पद का कार्यकाल छह महीने बढ़ा दिया गया हो। लेकिन अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी में मचा घमासान अभी शांत नहीं हुआ है। मंगलवार की सुबह पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के ट्वीट ने सियासी पारा और बढ़ा दिया है। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के व्यवहार के बाद से कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में भारी नाराजगी है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के अंदर की तकरार मुखर रूप ले सकती है। बताया यह भी जा रहा है कि राहुल के अध्यक्ष नहीं बनने की स्थिति में गांधी परिवार से ही प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की जमीन तैयार की जा रही है।
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कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को हुई बैठक में पार्टी के 23 नेताओं द्वारा नेतृत्व में बदलाव की मांग को लेकर लिखा गया पत्र छाया रहा। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी को फिर से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के बाद चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने आगे की रणनीति को लेकर अलग से बैठक की थी। मंगलवार को कपिल सिब्बल ने ऐसा ट्वीट किया है जिससे अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। वहीं पार्टी से निलंबित नेता संजय झा ने इसे कांग्रेस के अंत की शुरुआत बताया है।
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कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में कहा है कि ‘यह एक पद के बारे में नहीं है। यह मेरे देश के बारे में हैं जो सबसे ज्यादा मायने रखता है।’ दूसरी ओर पार्टी से निलंबित नेता संजय झा ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘यह तो अंत की शुरुआत है।’ इससे पहले राहुल गांधी की भाजपा के साथ मिलीभगत वाली कथित टिप्पणी को लेकर सिब्बल ने विरोध जताते हुए ट्वीट किया था। हालांकि राहुल से बात होने पर उन्होंने उस ट्वीट को वापस ले लिया था।
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कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के गुट में राहुल गांधी की कार्यशैली को लेकर भारी नाराजगी है। सोनिया गांधी अपना अंतरिम अध्यक्ष पद का कार्यकाल पहले ही पूरा कर चुकी हैं। अतः इन नेताओं की इच्छा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से किसी को अध्यक्ष पद की कमान सोंपी जाए। जबकि गांधी परिवार और राहुल ब्रिगेड के नेता राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने पर जोर दे रहे हैं।
प्रियंका के लिए तैयार हो सकती है जमीन!
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सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस में राहुल विरोधी धड़े के नेताओं का यह भी मानता है कि इस समय गांधी परिवार के इतर कोई पार्टी नहीं संभाल सकता। यदि राहुल गांधी की पंसद केसी वेणुगोपाल या किसी अन्य नेता के हाथ में अध्यक्ष पद की कमान जाती है तो स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में छह महीने में प्रियंका गांधी को संगठन की कमान देने की पटकथा तैयार की जा सकती है। इस गुट में शामिल नेतओं का मानना है कि शुरुआती दौर में नए अध्यक्ष की मदद के लिए दो वरिष्ठ नेताओं को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
‘भाजपा संग मिलीभगत’ का आरोप
बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर भाजपा संग मिलीभगत का आरोप लगाया था। जिसपर कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने पलटवार किया था। सिब्बल ने कहा था कि मैंने पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा से मिले हो सकते हैं। वरिष्ठ नेता के ट्वीट के बाद राहुल गांधी ने उनसे बात की जिसके बाद उन्होंने ट्वीट को हटा लिया। वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि यदि राहुल गांधी का भाजपा के साथ मिलीभगत वाला बयान साबित हो जाता है तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
किनारे नहीं हो पाए विरोधी
सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक की शुरुआत में योजना राहुल गांधी के विरोधी नेताओं को किनारे करने की थी। इसी रणनीति के तहत सोनिया ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। इसके बाद राहुल ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा था। इसके बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह व एके एंटनी जैसे नेताओं ने सोनिया के समर्थन में कसीदे पढ़े। लेकिन अंत में सोनिया को कहना पड़ा कि उनके मन में पत्र लिखने वालों के प्रति दुर्भावना नहीं है।
बड़ा सवाल-कौन संभालेगा पार्टी की कमान
अध्यक्ष पद का विवाद टालने के लिए कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कमेटी बनाने की घोषणा हुई है। यह संगठन के कामकाज पर उठाए गए सवालों की पड़ताल करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि कमेटी में किस गुट के नेता का पलड़ा भारी रहता है। हालांकि पार्टी में राहुल ब्रिगेट के विरोधी एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कमेटी समाधान नहीं है। सवाल यह है कि पार्टी की कमान कौन संभालेगा और पार्टी भविष्य में किस तरह की कार्यशैली अपनाएगी? बता दें कि हाल ही में राज्यसभा चुनाव के लिए कुछ लोगों के नाम तय करने पर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी की आलोचना की गई थी। पिछले दिनों पार्टी के कुछ सांसदों ने राहुल और प्रियंका पर मनमानी के आरोप लगाए थे।