दो धड़ों में बंटी कांग्रेस… सतह पर आई नेताओं की अंदरूनी लड़ाई

-राहुल ब्रिगेड के खिलाफ वरिष्ठ नेताओं ने खोला मोर्चा
-दो-दो हाथ करने को तैयार दिख रही राहुल ब्रिगेड

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
कांग्रेस नेताओं में अंदरखाने चली आ रही सियासी लड़ाई अब सतह पर आ गए है। यूपीए सरकार के दौरान की खामियों का हवाला देकर हमला बोलने वाली राहुल ब्रिगेड के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर मिलिंद देवड़ा मनमोहन सरकार की आलोचना करने वाले राहुल गांधी समर्थक नेताओं की कड़ी आलोचना की है। पार्टी सांसदों की बैठक हुई तनातनी के बाद कांग्रेस दो गुटों में बंट गई है।

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दूसरी ओर राहुल बिग्रेड भी इस मामले में पीछे हटने को तैयार नहींं है। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रबल समर्थक माने जाने वाले राजीव सातव ने भी एक शेर के जरिए ‘बुजुर्ग बनाम नई पीढ़ी’ की लड़ाई को और ज्यादा हवा देने की कोशिश की है। कांग्रेस के अंदर सुलग रही विद्रोह की चिंगारी अब सोशल मीडिया पर ट्वीट्स के जरिए खूब वायरल हो रही है।

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बता दें कि एक ट्वीट के जरिए पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कांगेस सांसदों की बैठक में हुई यूपीए सरकार की आलोचना को पार्टी की विरासत पर चोट बताया था। पार्टी के भीतर से ही कीचड़ उछाले जाने पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी की मुखर आवाज में शशि थरूर और मिलिंद देवड़ा ने भी सुर में मिलाया है।

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पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर यूपीए सरकार पर कांग्रेस के भीतर से ही कीचड़ उछालने वालों को आड़े हाथों लिया। तिवारी ने कहा ’भाजपा 2004 से 2014 तक 10 साल सत्ता से बाहर थी। इन वर्षों में उसने एक बार भी वाजपेयी या उनकी सरकार पर इसके लिए दोषारोपण नहीं किया। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के भीतर ही कुछ सतही जानकार लोग भाजपा-एनडीए से लड़ने की बजाय मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं।’

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सियासी जानकार मानते हैं कि तिवारी का यह ट्वीट साफ तौर पर राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाने की मांग कर रही राहुल ब्रिगेड पर सीधा हमला है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गुरुवार को पार्टी के राज्यसभा सांसदों की बैठक में युवा बिग्रेड ने कांग्रेस की बदहाली के लिए यूपीए की सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे।
तब एके एंटनी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और पी चिदंबरम जैसे नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई थी। कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि युवा बनाम बुजुर्ग जैसी सोच से पार्टी को चलाने की कोशिश खतरनाक होगी। नेताओं के बीच समन्वय के रास्ते ही कांग्रेस की सियासी राह आसान हो सकती है।
तिवारी को देवड़ा का समर्थन
तिवारी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ’जब एकजुटता की जरूरत है वे बांट रहे हैं’। इसे सीधे तौर पर राहुल गांधी की टीम पर निशाना माना जा रहा है। खास बात है कि राहुल गांधी की टीम का हिस्सा रहे मिलिंद देवड़ा ने भी मैदान में उतरकर मनीष तिवारी की बात को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि डा मनमोहन सिंह ने 2014 में सत्ता छोड़ी तब कहा था कि इतिहास उनके साथ उदारता बरतेगा। लेकिन क्या उन्होंने यह कल्पना की होगी कि अपनी पार्टी के लोग ही उनकी ही उपस्थिति में देश के लिए की गई उनकी सेवाओं को खारिज कर देंगे?
शशि थरूर ने भी खोला मोर्चा
पार्टी नेताओं के बीच चल रहे घमासान में कुदते हुए शशि थरूर ने भी मनीष तिवारी और मुरली देवड़ा का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए के बदलावकारी दस साल को दुर्भावना से प्रेरित होकर दुष्प्रचारित किया गया। थरूर ने कहा कि अपनी हार से बहुत कुछ सीखने के साथ कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। लेकिन अपने वैचारिक शत्रुओं के हाथ का खिलौना बनकर ऐसा नहीं किया जा सकता।
दो-दो हाथ को राहुल ब्रिगेड तैयार
यूपीए सरकार की विरासत पर सवाल उठाने वाली राहुल ब्रिगेड भी पीछे हटने को तैयार नहींं है। राजीव सातव ने अपने ट्वीट में एक शेर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि ’मत पूछ मेरे सब्र क इन्तेहा कहां तक है, तूं सितम कर ले, तेरी ताकत जहां तक है, वफा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू जालिम कहां तक है’। सियासी जानकारों का कहना है कि युवा ब्रगेड राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाना चाहती है। इसके लिए वह कहीं तक भी जाने के लिए तैयार है। हालांकि देखना यह है कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस में खड़े हुए इस बवाल पर क्या फैसला लेती हैं।