डॉक्टर्स के समर्थन में उतरी कांग्रेस… बीजेपी-आप पर लगाया लापरवाही का आरोप

-कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टर्स के विरोध का किया समर्थन
-दिल्ली सरकार के अस्पतालों में अव्यवस्थाओं पर जताई चिंता

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टर्स की मांग का समर्थन करते हुए दिल्ली सरकार के अस्प्तालों में फैली अव्यवस्थाओं पर चिंता जताई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दरिया गंज स्थित कस्तूरबा अस्पताल के डाक्टरों को पिछले 3 महीनों से वेतन नही दिया है। दूसरी ओर केजरीवाल सरकार के लोकनायक अस्पताल में प्रशासन ने मरीजों को मरने के लिए छोड़ दिया है। जबकि कोविड-19 महामारी ने दिल्ली में भयंकर रूप धारण कर लिया है और दिल्ली वाले भारी तनाव से गुजर रहे हैं।

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चौ0 अनिल कुमार ने कि यह बहुत ही चौंकाने वाली और परेशान करने वाली बात है कि दरिया गंज के कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टरों को मार्च, 2020 के बाद से वेतन का भुगतान नहीं किया गया। जबकि वे कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए करो या मरो की लड़ाई में न केवल अपनी जान जोखिम में डालकर लगे हुए हैं बल्कि अपने परिवार के सदस्यों की जान को जोखिम में डालने का खतरा उठा रहे हैं।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर सामूहिक इस्तीफा देने की बात कहकर अपनी वेदना प्रकट की है। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि उनके वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण, वे अपने किराए का भुगतान नहीं कर पाए हैं, आवश्यक वस्तुएं नही खरीद पा रहे हैं और अपने यात्रा खर्च को वहन करने में भी असमर्थ हैं।

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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी नगर निगम को इन डॉक्टरों के वेतन का तुरंत भुगतान करना चाहिए क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ यह डाक्टर फ्रंट लाइन पर लड़ाई लड़ रहे है। जबकि भाजपा और आप पार्टी की सरकारों की विफलताओं के कारण कोरोना राजधानी में तेजी से फैल रहा है।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना से होने वाली मौतों और उनके आंकड़ों को छिपाने के लिए आम आदमी पार्टी पर सियासी वार किया। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि दिल्ली नगर निगम कोरोना के 2098 शवों के अंतिम संस्कार का दावा कर रहे हैं। जबकि दिल्ली सरकार के अनुसार कोविड के कारण केवल 984 मरीजों की मौत हुई है। आखिर केजरीवाल सरकार मौत के आंकड़ों को क्यों छिपा रही है?

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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल की स्थिति भयावह है। क्योंकि यहां कोविड मरीजों की देखभाल ही नही की जा रही। यहां पहुंचने वाले मरीज संकट की परिस्थितियों में स्ट्रेचर पर लेटे रहते हैं। डॉक्टर, नर्सें या कोई पेरामेडिकल स्टाफ उनकी देखभाल के लिए आता ही नहीं है। स्ट्रेचर पर कोविड-19 से मरने वालों की डेड बॉडी खुले में पड़ी रहती हैं।

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चौधरी ने कहा कि मीडिया ने एलएनजेपी अस्पताल की भयानक स्थिति को उजागर कर दिया है। इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने अस्पताल के हालात को सही करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कोविंड के रोगियों के लिए पर्याप्त बेड हैं। उन्होंने कहा कि लोग उपेक्षित होने और अस्वच्छ स्थिति के कारण दिल्ली सरकार के अस्पतालों में जाने से डर रहे हैं। क्योंकि केजरीवाल सरकार की ओर से सुविधाओं के अभाव, निष्क्रियता और अक्षमता के कारण डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ का मनोबल टूट चुका है।