व्यापार मंडल में टकराव… रजिस्ट्रार तक पहुंची शिकायत… 21 में से दो व्यापारी नेताओं ने खोला निर्णय के खिलाफ मोर्चा

-‘हरियाणा लॉबी’ दे रही पर्दे के पीछे से व्यापारी राजनीति में अलगाव को हवा

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दमदार नेतृत्व के अभाव में दिल्ली और देश की व्यापारी राजनीति भले ही धरातल पर आ गई हो, लेकिन व्यापारी नेताओं का आपसी टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (BUVM) के पदाधिकारियों का मनोनयन अब दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। संगठन में जबरदस्त टकराव (बिखराव) शुरू हो गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष और वरिष्ठ महामंत्रियों के मनोनयन को लेकर दो व्यापारी नेताओं ने अपने ही संगठन के लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि ‘हरियाणा लॉबी’ ने पर्दे के पीछे से व्यापारी राजनीति में अलगाव को हवा देना तेज कर दिया है। यह लॉबी हर ओर से दबाव बनाकर अपने चहते व्यापारी नेता को संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाने के लिए हर कानूनी व गैरकानूनी कोशिश में जुटी है।

बता दें कि कर्नाटक से पीएच राजपुरोहित ने 21 सदस्यों वाली गवर्निंग बॉडी के द्वारा गठित 3 सदस्यों वाली समिति की सिफारिश (या फिर कहें कि मनोनयन) को पूरी तरह से नकार दिया है। राजपुरोहित ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘‘यह तय हुआ था कि 21 सदस्यों की गवर्निंग बॉडी जो निर्णय लेगी वह मान्य होगा। लेकिन कोई भी मेंबर घर बैठे मनमर्जी से पदाधिकारियों का आबंटन कर रहा है। यह बीयूवीएम के संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि 21 सदस्यों की बैठक में कोई फैसला लिया जाये। यदि मनमर्जी से फैसला लिया गया तो बहुत नुकसान होगा।’’
दूसरी ओर अमृतसर (पंजाब) से प्यारा लाल सेठ ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘‘बहुत ही आश्चर्यजनक असंवैधानिक घोषणा… भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के दो रिक्त पदों चेयरमैन व अध्यक्ष पद भरा जाना था… वरिष्ठ उपाध्यक्ष/कार्यकारी अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय वरिष्ठ महामंत्री को आगामी चुनाव होने तक व्यवस्था रखने का दायित्व निभाना है। प्यारालाल सेठ ने अध्यक्ष, चेयरमैन, वरिष्ठ महामंत्री जैसे पदों पद पदाधिकारियों के मनोनयन को पूरी तरह से गलत ठहराया है और संविधान के विरूद्ध घोषणा बताया है। लेकिन बालकिशन अग्रवाल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने को एकदम सही ठहराने की कोशिश की है।
केवल इतना ही नहीं रोहतक के एक वकील साहब द्वारा इसकी शिकायत सोसायटी रजिस्ट्रार कार्यालय में ईमेल के जरिये की गई है। इस शिकायत में कहा गया है कि संगठन के पदाधिकारियों का मनोनयन विधानसम्मत नहीं किया गया है। ईमेल के जरिये भेजे गये पत्र में भी केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष व चेयरमैन के पदों को ही निशाना बनाया गया है। पत्र में कहा गया है कि गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन बाबू लाल गुप्ता और उनके द्वारा गठित प्रहलाद खंडेलवाल, मोहन गुरूनानी और तारक नाथ त्रिवेदी वाली तीन सदस्यों वाली कमेटी के द्वारा लिया गया फैसला संवैधानिक नहीं है। इसके संबंध में बैंक ऑफ बड़ोदा को भी प्रतिलिपि भेजी गई है।
सूत्रों का कहना है कि ‘हरियाणा लॉबी’ के इशारे वकील की ओर से भेजी गई शिकायत कं संबंध में अभी यह खुलासा नहीं किया गया है कि उन्होंने अपने किस क्लाइंट की ओर से यह शिकायत की है। क्योंकि सोसायटी एक्ट के तहत केवल संगठन का कोई सदस्य ही सीधे या अपने वकील के जरिये कानूनी कार्रवाई कर सकता है। कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कि उस संगठन का सदस्य नहीं है, चाहे वह कोई वकील ही क्यों नहीं हो, किसी भी ऐसे संगठन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए वैध नहीं हो सकता।
व्यक्ति विशेष के लिए हो रही विघटन की कोशिश
बताया जा रहा है कि हरियाणा लॉबी के एक व्यापारी नेता अपने साथियों के साथ अपने एक रिश्तेदार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। पिछले दिनों उनकी यह कारस्तानी लोगों के सामने आ गई थी, इसके बाद वह पर्दे के पीछे से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि इनके साथ भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (हरियाणा) के पदाधिकारियों के बजाय दूसरे संगठनों के पदाधिकारी लॉबिंग में जुटे हैं। यह लोग एक ऐसे व्यापारी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं, जिसने पिछले कई वर्षों से अपना वार्षिक शुल्क तक जमा नहीं कराया है। इनकी नीयत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इन्हें जैसे ही पता चला कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष और चेयरमैन का चुनाव होना है तो अपने एक साथी के साथ जाकर बैंक में सीधे तीन साल का सदस्यता शुल्क जमा करवा दिया। जबकि इनकी ओर पिछले कई वर्षों का शुल्क बकाया है और सदस्यता के नवीनीकरण के लिए फार्म तक भरा जाना अभी बाकी है। इसके बाद से इन व्यापारी नेताओं ने भारतीय उद्योग व्यापार मंडल में अलग अलग तरह से तोड़-फोड़ के प्रयास शुरू कर दिये हैं।
अध्यक्ष व चेयरमैन के निधन से खाली हुए पद
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्र और चेयरमैन मनोहर लाल कुमार के निधन के बाद यह दोनों पद खाली हो गए हैं। पिछले दिनों संगठन के पदाधिकारियों ने मिलकर 21 सदस्यीय गवर्निग बॉडी बनाई थी। इस बॉडी का चेयरमैन जयपुर के बाबूलाल गुप्ता को बनाया गया था। इस कमेटी को जिम्मेदारी सोंपी गई थी कि इन्हीं 21 सदस्यों में से ही किसी को संगठन का अध्यक्ष व चेयरमेन बनाया जाये। लेकिन यह 21 सदस्यों में तय नहीं हो सका तो बाबूलाल गुप्ता ने एक 3 सदस्यों की कमेटी बना दी थी, जिसे अधिकार दिया गया था कि वह सभी 21 सदस्यों से बात करके अध्यक्ष और चेयरमैन के नाम फाइनल करे।
इस कमेटी ने सभी सदस्यों से बात करके विजय प्रकाश जैन को अध्यक्ष एवं बाबू लाल गुप्ता को चेयरमैन बनाने की घोषणा की थी। इस कमेटी ने दो नये पदों के सृजन की भी सिफारिश की है। जो कि एक कार्यकारी अध्यक्ष और दक्षिण भारत के लिए एक वरिष्ठ महामंत्री का पद है। कार्यकारी अध्यक्ष बतौर बालकिशन अग्रवाल और दूसरे वरिष्ठ महामंत्री के रूप में तमिलनाडु के स्वामी तेजानंद को मनोनीत किया गया है। बाबूलाल गुप्ता और तीन सदस्यांं वाली कमेटी ने इन चारों ही पदों पर मनोनयन के संबंध में 5 जून 2021 को एक पत्र जारी किया था, जिसे 6 जून को सभी सदस्यों को भेजा गया था। लेकिन मनोनयन से संबंधित सूचना सामने आने के बाद से ही व्यापार मंडल के कुछ पदाधिकारी व्यापारी सियासत के मैदान में तलवारें लेकर कूद पड़े हैं।