कांग्रेस में घमासान जारी…. नेताओं की नाराजगी अध्यक्ष के चुनाव पर पड़ सकती है भारी

-कपिल सिब्बल के खिलाफ अधीर रंजन, अशोक गहलोत व दूसरे कई नेता मैदान में
-दिल्ली कांग्रस अध्यक्ष अनिल कुमार ने सिब्बल को दिया प्रदेश कार्यालय में आने का न्योता

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस में घमासान तेज होता जा रहा है। पार्टी में एक बार फिर बगावत के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने के बाद बहस और ज्यादा तेज हो गई है। हालांकि इस बार असंतुष्ट नेताओं स्वर ज्यादा प्रभावी नहीं हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस में चल रहे घमासान के चलते पार्टी अध्यक्ष के चुनाव पर भी असर पड़ सकता है। फिलहाल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले बाकी वरिष्ठ असंतुष्ट नेता चुप हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी में अंदर ही अंदर विरोध की चिंगारी सुलग रही है, जो जल्दी ही बाहर आ सकती है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी में अंसतुष्ट गुट की नाराजगी अभी भी बरकरार है। ऐसे में इसका सीधा असर पार्टी अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव पर पड़ेगा। अध्यक्ष पद के लिए दिसंबर के आखिर में चुनाव होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर वापसी की तैयारी कर रहे हैं, तो असंतुष्ट नेताओं के स्वर कुछ धीमे जरूर हो सकते हैं, पर आवाज उठती रहेंगी।

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पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष को 23 असंतुष्ट नेताओं ने पत्र लिखा था। इनमें से अभी केवल कपिल सिब्बल ही बोल रहे हैं। जो कि सीधे तौर पर संगठन से भी जुड़े नहीं रहे हैं। ऐसे में उनकी बात को पार्टी में बहुत ज्यादा गंभीरतासे नहीं लिया जा रहा है। पर वह मानते हैं कि इस तरह के स्वर न उठें तो बेहतर है। क्योंकि, पार्टी बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है और पार्टी को एकजुट रहना चाहिए।

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बता दें कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी) जल्दी ही चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर सकती है। ऐसे में पार्टी के अंदर सीडब्लूसी के लिए चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ सकती है। कपिल सिब्बल और दूसरे असंतुष्ट नेता कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में इस मांग को दोहरा चुके हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर असंतुष्टि के स्वर अभी बरकरार रह सकते हैं।
सिब्बल पर पलटवार
पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने कपिल सिब्बल पर पलटवार किया है। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कपिल सिब्बल बिहार और मध्य प्रदेश चुनाव के बीच कहीं दिखाई नहीं दिये। वह चुनाव में चले जाते तो वे साबित कर सकते थे कि जो वह कह रहे हैं वह सही है और उन्होंने कांग्रेस की स्थिति को मजबूत किया। पार्टी के लिए बिना कुछ किए बोलने का मतलब आत्मनिरीक्षण नहीं है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल ने इस बारे में पहले भी बात की थी। वह कांग्रेस पार्टी और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता के बारे में बहुत चिंतित हैं। लेकिन हमने बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश या गुजरात के चुनावों में उनका चेहरा कहीं नहीं देखा।
इससे पूर्व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कपिल सिब्बल पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पार्टी के लिए कपिल सिब्बल का कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदरूनी मसलों को मीडिया में लेजाने की जरूरत नहीं थी। कपिल सिब्बल की वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है। वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि कपिल सिब्बल पिछले लंबे समय से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। वह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय आ सकते हैं।