ईसाई V/S हिंदूः बढ़ी IMA अध्यक्ष की मुश्किल… देना होगा लिखित एफीडेविट

-आईएमए अध्यक्ष के बयान पर कोर्ट ने कहाः ‘मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना’
-आदेश में कोर्ट की तल्ख टिप्पणीः कहा ‘उम्मीद अब ऐसा मौका नहीं देंगे जयालाल’

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
‘ऐलोपैथी बनाम आयुर्वेद’ एवं इलाज के बहाने ‘हिंदू धर्म के खिलाफ ईसाई धर्म का प्रचार करने’ वाले विवाद में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) अध्यक्ष डॉक्टर जौनरोज ऑस्टिन जयालाल (जे.ए. जयालाल) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। द्वारका कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी की हैं। कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी किया है कि डॉक्टर जेए जयालाल की ओर से कोर्ट में लिखित एफीडेविट दाखिल किया जाये। वादी रोहित झा की ओर से कोर्ट में एडवोकेट संजीव उनियाल एवं धवल उनियाल पेश हुए। डॉ जयालाल की ओर से पेश हुए वकीलों की राहत देने वाली चायिका को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

यह भी पढ़ेंः- चिकित्सा के ईसाईकरण पर IMA अध्यक्ष की कोर्ट में पेशी!

दरअसल पिछले दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष जेए जयालाल ने मीडिया में एक इंटरव्यू दिया था, जो कि 30 मार्च 2021 को प्रकाशित हुआ था। इस इंटरव्यू में उन्होंने चर्च, ईसाई धर्म और एलोपैथी को महिमामंडित करते हुए हिंदू धर्म, संस्कृत भाषा और आयुर्वेदिक पद्धति की छवि खराब करने वाली बातें कही थीं। उन्होंने अपने इंटरव्यू में ऐलोपैथी और डॉक्टरी के पेशे के दम पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने की बात भी कही थी। इस साक्षात्कार में अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार के ऊपर भी योगा, आयुर्वेद और हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के आरोप लगाये थे। इससे भारत के करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है।

यह भी पढ़ेंः- व्यापार मंडल पर कब्जे की कवायद… मिश्रा के निधन के बाद छिड़ा ‘मुझे अध्यक्ष बनाओ’ अभियान

अधिवक्ता संजीव अनियाल ने बताया कि मामले की सुनवाई सोमवार 31 मई एवं मंगलवार 1 जून को हुई थी, लेकिन कोर्ट ने अपना आदेश गुरूवार 3 जून 2021 को सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश की शुरूआत ही ‘‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’’ से की है। साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की है कि मोहम्मद इकबाल द्वारा लिखा गया यह गीत हमारे देश में धर्मरिपेक्षता के प्रति हमारी आस्था को और बढ़ाता है। इस गीत में ‘हिंदी हैं हम’ का मतलब हिंदुओं से नहीं बल्कि सभी हिन्दुस्तानियों से है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा है कि आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर जयालाल से उम्मीद की जाती है कि वह अब ऐसा मौका नहीं देंगे, जिससे कि लोगों में गलत संदेश जाये।