-कोरोना महामारी के दौरान बिना लाइसेंस के दवाईयां और ऑक्सीजन खरीदने व बांटने का मामला
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग (डीडीसीडी) ने भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद और दिल्ली सरकार के एक मंत्री व आम आदमी पार्टी के एक विधायक के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड रोधी दवाओं के अवैध भंडारण और वितरण के आरोप में डीडीसीडी ने गौतम गंभीर फाउंडेशन तथा आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्री इमरान हुसैन और विधायक प्रवीण कुमार के खिलाफ एक कोर्ट में अभियोजन शुरू किया है। डीसीडी ने कोर्ट में इसकी जानकारी दी है।
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दिल्ली ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने यह बात एक रिपोर्ट के रूप में अपने जवाब में कही है। इसके मुताबिक ‘‘जांच टीम की छानबीन के आधार पर कोर्ट में गौतम गंभीर फाउंडेशन, इसके न्यासियों और सीईओ के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 की धारा 27 (बी) (2) के साथ धारा 18 (सी) के प्रावधानों के तहत आठ जुलाई को मुकदमा शुरू किया गया।’’ बीजेपी नेता गौतम गंभीर इस फाउंडेशन के न्यासियों में से एक हैं।
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कानून की धारा 18 (सी) बिना लाइसेंस के दवा उत्पादन, इसकी बिक्री और वितरण पर रोक लगाती है तथा धारा 27 (बी) (2) में इस अपराध के लिए कम से कम तीन साल या अधिकतम पांच साल के कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। डीडीसीडी के जवाब के अनुसार इमरान हुसैन और प्रवीण कुमार के खिलाफ भी औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत इन्हीं अपराधों में मुकदमा शुरू किया गया है।
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जवाब में कहा गया है कि गंभीर और कुमार के खिलाफ रोहिणी कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीतु राज के समक्ष यह मुकदमा दायर किया गया है। डीडीसीडी ने बताया कि स्पष्टीकरण का मौका देने के बाद, गौतम गंभीर फाउंडेशन को चिकित्सा शिविर चलाने के लिए कोविड-19 रोधी दवा फैवीपिराविर एवं चिकित्सीय ऑक्सीजन बेचने वाले डीलरों और खुदरा विक्रेताओं के बिक्री लाइसेंस कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में 10 दिन के लिए निलंबित कर दिए गए।
डीडीसीडी के मुताबिक मंत्री इमरान हुसैन ने कोई आवश्यक लाइसेंस लिए बिना ही चिकित्सीय ऑक्सीजन का कथित रूप से भंडारण और वितरण किया तथा वह भी इन्हीं अपराधों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं। स्थिति रिपोर्ट उस जनहित याचिका पर दायर की गई जिसमें आम मरीजों के जरूरी दवाओं के लिए दर-दर भटकते रहने के बावजूद नेताओं द्वारा बड़ी मात्रा में कोविड-19 रोधी दवाएं खरीदे जाने और वितरित किए जाने को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया गया है।