-फिलहाल नए ठेकेदारों को पार्किंग का पजेशन देने पर लगाई रोक
-स्थायी समिति अध्यक्ष के पत्र का संज्ञान लेकर आयुक्त को लगानी पड़ी रोक
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
ठेंकों में भ्रष्टाचार की खबरें आने के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 6 पार्किंग के ठेकों से संबंधित पजेशन देने पर निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने रोक लगा दी है। खास बात है कि यह मामला अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दरबार में पहुंच गया है। इसके बाद आम आदमी पार्टी निगम की पार्किंग के ठेके ऑनलाइन ऑक्शन में देने में हुई धांधली को बड़ा मुद्दा बनाने की योजना में जुट गई है।
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बता दें कि स्थाई समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर इन सभी पार्किंग के टेंडर को रद्द कर दोबारा से टेंडर करने और मामले की पूरी जांच करने के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद मामले की जांच के लिए पार्किंग का पजेशन देने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही पार्किंग माफिया इस मामले में अधिकारियों और निगम के नेताओं को गुमराह करने नियमों को बदलकर की गई टेंडर प्रक्रिया को सही ठहराने में जुट गया है।
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम आरपी सेल के अधिकारी प्रेम शंकर झा ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा छह पार्किंग के टेंडर ई ऑक्शन द्वारा 13 मई को किए गए थे। 31 मई को इन सभी पार्किंग के टेंडर खत्म होने वाले थे। इसलिए निगम आयुक्त के आदेश पर यह सभी मल्टीलेवल पार्किंग के टेंडर किए गए थे। ई ऑक्शन टेंडर में सात ठेकेदारों ने भाग लिया था, जिसमें से चार ठेकेदारों के कागजों में कुछ कमी पाई गई थी।
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बाकी तीन ठेकेदारों के कागज पूरे थे और इन तीनों ठेकेदारों की दो दो पार्किंग निकली थी। कुछ ठेकेदारों ने आरोप लगाया था कि निगम अधिकारियों की मिलीभगत के चलते लाकडॉउन के दौरान ई टेंडर जा रहे हैं। ताकि वे अपने चहेतों को मल्टीलेवल पार्किंग के टेंडर दे सकें। इसलिए इस पर तुरंत रोक लगाई जाए और नए सिरे से टेंडर किए जाए।
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आयुक्त की रिपोर्ट का इंतजारः भूपेंद्र गुप्ता
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कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग, अधिकारियों की भूमिका पर उठाए सवाल
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के छह पार्किंग की ई-ऑक्शन प्रक्रिया को गलत बताते हुए कांग्रेस ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। पूर्व निगम पार्षद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता खविंद्र सिंह कैप्टन ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की आरपी सेल में कई अधिकारी लंबे समय से डटे हुए हैं। इनकी डेपुटेशन का समय बहुत पहले खत्म हो गया है। कई बार इनका निगम के दूसरे विभागों में ट्रांसफर किया गया लेकिन यह अधिकारी आरपी सेल में ही डटे हुए हैं। एक अधिकारी को उसके मूल विभाग ने कई बार बुलाया है, इसके बावजूद वह यहां के आरपी सेल में वर्षों से डटे हुए हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आरपी सेल में कितने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार जारी है। इसकी जांच निगम आयुक्त नहीं कर सकते, आयुक्त की भूमिका स्वयं संदेह के घेरे में है। क्योंकि उन्हीं का अधिकारी बता रहा है कि यह टेंडर प्रक्रिया आयुक्त के आदेश पर ही की गई।
नहीं चलने देंगे अधिकारियों की मनमानीः आप
जानकारी छिपा रहे अधिकारी, मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामलाः नेता प्रतिपक्ष
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष किशनवती ने कहा कि पार्किंग के टेंडर देने में हुए घोटाले का मामला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जानकारी में पहुंचा दिया गया है। हमने अधिकारियों से पूरी जानकारी मांगी है, लेकिन आरपी सेल के अधिकारी पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के बजाय छिपा रहे हैं। इन टेंडर से निगम का बड़ा नुकसान होने जा रहा है। अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले को हम हर स्तर पर उठाएंगे।