BJP का हालः संवैधानिक व्यवस्था में पद नहीं लेकिन अनिल बाजपेयी को बनाया ‘विधायक दल का महामंत्री’

-वाजपेयी ने खोल रखा है सांसद गौतम गंभीर के खिलाफ मोर्चा

अनिल वाजपेयी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में कोई भी फैसला लिया जा सकता है। भले ही इसका संवैधानिक व्यवस्था में कोई स्थान हो या नहीं। ऐसा ही एक फैसला मंगलवार को दिल्ली बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने अनिल वाजपेयी को बीजेपी विधायक दल का महामंत्री बनाकर लिया है। प्रदेश बीजेपी कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब अनिल वाजपेयी दिल्ली बीजेपी विधायक दल के ‘‘नये महामंत्री’’ होंगे। उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से मानी जाएगी।

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प्रदेश बीजेपी कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में    विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी की ओर से कहा गया है कि अनिल बाजपेयी की नियुक्ति का फैसला प्रदेश भाजपा नेतृत्व के ‘‘निर्देश’’ पर किया गया है। बीजेपी की ओर से कहा गया है कि वाजपेयी की नेतृत्व क्षमता का लाभ अब विधानसभा में भी मिलेगा। ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जब इस पद की कोई संवैधानिक व्यवस्था ही नहीं है तो नेतृत्व क्षमता का लाभ किस तरह से मिल सकेगा?

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बता दें कि दिल्ली विधानसभा में सत्ता पक्ष या विपक्ष के विधायक दल का महामंत्री नियुक्त करने की कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है। खुद दिल्ली बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता यह बात मानते हैं कि दिल्ली ही नहीं किसी भी राज्य की विधानसभा में विधायक दल का महामंत्री नियुक्त करने की संवैधानिक व्यवस्था नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रदेश नेतृत्व के इस फैसले की जानकारी पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं को नहीं है।

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प्रदेश महामंत्री हर्ष मलहोत्रा ने स्वीकार किया कि विधानसभा में प्रतिपक्ष के विधायक दल का महामंत्री बनाने की कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि पार्टी ने कोई फैसला लिया है तो उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। पार्टी के कई दूसरे प्रदेश पदाधिकारियों व प्रवक्ताओं का भी मानना है कि इस तरह की कोई संवैधानिक व्यवस्था नहीं है। एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि पिछले कुछ महीनों से पार्टी में इसी तरह के फैसले लिये जा रहे हैं, जिनका वास्तविकता से दूर-दूर तक का संबंध नहीं है। पार्टी ने भले ही अनिल वाजपयी को विधायक दल का महामंत्री बना दिया हो, लेकिन इस पद का कोई महत्व नहीं है। दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामबीर सिंह बिधूड़ी के साथ कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। जबकि कई प्रवक्ताओं ने इस मामले में बोलने से मना कर दिया।
वाजपेयी ने खोल रखा है गंभीर के खिलाफ मोर्चा
गौरतलब है कि दिल्ली के गांधी नगर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी एमएलए अनिल वाजपेयी ने अपनी पार्टी के पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। आए दिन वह बीजेपी सांसद के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। ऐसे में उनके ऊपर कोई कार्रवाई किये जाने के बजाय उन्हें ऐसी पोस्ट से नवाजा है, जिसका विधानसभा में कोई संवैधानिक अस्तित्व ही नहीं है। बताया जा रहा है कि अनिल वाजपेयी लंबे समय से पार्टी नेताओं से नाराज चल रहे हैं। इसलिए उन्हें यह पोस्ट दी गई है। बता दें कि अनिल बाजपेयी 2015 से 2020 तक आम आदमी पार्टी के विधायक रहे हैं। विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पूर्व उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। हालांकि आम आदमी पार्टी में भी उनके संबंध ज्यादातर नेताओं के साथ ठीक नहीं रहे थे। उससे पूर्व वह कांग्रेस की राजनीति करते रहे हैं और बीजेपी के साथ उनका कोई पुराना संबंध नहीं है।