बीजेपी-राजः ना इलाज के लिए दवाईयां ना मच्छरों को मारने के लिए टैमीफॉस फिर भी डेंगू से बचाव के बड़े-बड़े दावे!

-उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए भी दवाईयां खत्म
-डेंगू पड़ रहा दिल्ली वालों पर भारी… नगर निगम ने नहीं की दवाईयों की खरीदारी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में डेंगू तेजी से अपने पांव पसार रहा है। सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए बेड कम पड़ने लगे हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास डेंगू से बचाव के लिए जरूरी दवाईयां ही नहीं हैं। एक ओर मच्छरों से बचाव के लिए छिड़काव वाली दवाईयों का स्टॉक निल हो गया है, दूसरी ओर डेंगू-मलेरिया के मरीजों को दी जाने वाली प्राथमिक दवाईयां भी स्टॉक में बहुत कम रह गई हैं। गौरतलब है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम दिल्ली में सबसे ज्यादा 6 बड़े अस्पतालों के साथ करीब डेढ़ सौ छोटी-बड़ी डिस्पेंसरीज का संचालन करता है।

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उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आला अधिकारियों का जवाब बेहद चौंकाने वाला है। प्राप्त सूचना के मुताबिक उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास डीफ्लूबेंजरॉन, बीटीआई, एमएलओ, अल्फासाइफर्मेथ्रिन और टैमीफॉस ग्रेन्यूल जैसी दवाईयों का स्टॉक निल हो गया है। अल्फासाइफर्मेथ्रिन, टैमीफॉस ग्रेन्यूल, मेलाथिन टक्नीकल और सिप्लेनोथ्रिन जैसी दवाईयों की खरीदारी अभी टेंडर प्रक्रिया में फंसी हुई है। डीफ्लूबेंजरॉन नाम की दवाई की खरीदारी तो की गई है, लेकिन यह अभी परीक्षण के दौर से गुजर रही है। ऐसे में राजधानी में तेजी से पैर पसार रहे डेंगू के साथ लड़ाई में नगर निगम के योगदान को अच्छी तरह से समझा जा सकता है।

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सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता भले ही कुछ भी दावे करें, लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों और डिस्पेंसरीज में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के मरीजों के इलाज के लिए नगर निगम के पास पैरासिटामोल की केवल 350 गोलियां ही बची हैं। पैरासिटामोल के इंजेक्शन 1095, ऑर्टेसुनेट के इंजेक्शन 80, ऑर्टेमेथॅर ल्यूमिफेनटरीन किट 200, क्लोरोक्विन सीरप 500 और क्लोरोक्विन की गोलियां केवल 8900 ही बची हैं। ऐसे में 15 वर्षों से निगम की सत्ता संभाल रही बीजेपी के सभी दावों की पोल खुल गई है।
नहीं होने दी जायेगी दवाईयों की कमीः बीजेपी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी सिमिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन का कहना है कि यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। हमारी अधिकारियों के साथ बात हुई है। उन्होंने बताया है कि यह स्थिति सेंट्रलाइज स्टॉक की है। जोन स्तर पर हमारे पास अगले दो-तीन सप्ताह की दवाईयां स्टॉक में हैं। इसके साथ ही कुछ दवाईयों की खरीदारी भी की जा रही है। हमने अधिकारियों को आदेश दिया है कि डेंगू-मलेरिया की रोकथाम और इलाज के लिए दवाईयों की कोई कमी नहीं होने दी जानी चाहिए। हम खुद भी पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अधिकारियों से वस्तुस्थिति की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
बीजेपी के भ्रष्टाचार का एक और प्रमाणः आप
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में प्रतिपक्ष के नेता विकास गोयल ने कहा कि यह नगर निगम में सत्ताधारी दल बीजेपी के नेताओं के भ्रष्टाचार का एक और प्रमाण है। बीजेपी के नेताओं के भ्रष्टाचार की वजह से आज ऐसी स्थिति आ गई है कि नगर निगम के पास डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए ना तो छिड़कने वाली दवाईयां हैं और नाही अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के मरीजों के इलाज के लिए दवाईयां बची हैं। यहां तक कि पैरासिटामोल टेबलेट्स भी स्टॉक में नहीं बची हैं। क्लोराक्विन जैसे गोलियां और इंजेक्शन तक नगर निगम के अस्पतालों में नहीं हैं। यह बेसिक दवाईयां हैं, जब ये दवाईयां ही नहीं हैं तो दूसरी जरूरी दवाईयों की क्या स्थिति होगी, इसे आसानी से समझा जा सकता है।
बीजेपी व आप की लड़ाई में बिगड़ रही नगर निगम की सेहतः कांग्रेस
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और और बीजेपी शासित नगर निगम के नेताओं की सियासी लड़ाई में नगर निगम की सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। इसका खामियाजा दिल्ली की गरीब और लाचार जनता को उठाना पड़ रहा है। एक ओर दिल्ली सरकार नगर निगम को मिलने वाले फंड में लगातार कटौती करती जा रही है, दूसरी ओर बीजेपी नेता निगम के अपने स्रोतों से होने वाली आमदनी को नहीं संभाल पा रहे हैं। जिसकी वजह से आज नगर निगम के पास ना तो छिड़कने के लिए दवाईयां हैं और ना ही मरीजों के इलाज के लिए।